पूर्व विधानसभा अध्यक्षों की प्रक्रिया ही अपनाई: गोविंद सिंह कुंजवाल

देहरादून : विधानसभा में कांग्रेस सरकार के दौरान हुई नियुक्तियों का पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने बचाव किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्षों ने नियुक्तियों पर जो प्रक्रिया अपनाई थी उसी आधार पर ही उन्होंने भी नियुक्तियां की हैं।

विधानसभा में कांग्रेस कार्यकाल में 158 नियुक्तियों को लेकर बीते दिनों काफी हंगामा हुआ था। विधानसभा कर्मचारियों ने भी यह मामला उठाते हुए इसकी जांच की मांग की थी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इन नियुक्तियों की पत्रवली भी तलब की थी। अब एक मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की जा चुकी है। मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मामले के कोर्ट में जाने के बाद अब इस प्रकरण में सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं।

इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि नियुक्तियों में यदि गड़बड़ी हुई है तो कानून अपना काम करेगा। नियुक्तियां अवैध हुई हैं तो अवैध ही रहेंगी। जिस तरह नजदीकी लोगों की भर्ती की बात आ रही है, उसे अच्छा नहीं कहा जा सकता। अभी प्रकरण के संबंध में पूरी जानकारी नहीं मिली है। विस्तृत विवरण जुटाया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि इस मामले में पहले पत्रवली तलब की गई थीं। अब मामला अदालत में आ गया है। अदालत में किन बिंदुओं को आधार बनाकर याचिका दी गई है, इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में अदालत से कोई जानकारी मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि विधानसभा में नियुक्तियां विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार रहा है। अब तक जितने अध्यक्ष रहे हैं उन्होंने इस परंपरा के मुताबिक कार्य किया है। इसमें नया कुछ नहीं है। किसी के हित प्रभावित हो रहे होंगे तो उसने कोर्ट की शरण ली होगी।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जो नियुक्तियां की हैं वह पूर्व विधानसभा अध्यक्षों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के आधार पर ही की गई हैं। अब मैं इस पद से हट गया हूं तो इस केस से मेरा मतलब नहीं है। अब विधानसभा व कर्मचारी ही इसमें अपना प्रभावी पक्ष रखेंगे।

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