पालघर मॉब लिंचिंग मामले में 89 आरोपितों को जमानत

ठाणे । महाराष्ट्र के पालघर में उन्मादी की हिंसा में दो साधुओं तथा उनके ड्राइवर की हत्या मामले में ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने शनिवार को 89 आरोपितों को जमानत दे दी। जिला जज एसबी बाहलकर ने आरोपितों की जमानत मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को मुकर्रर की है। आरोपितों के वकील अमृत अधिकारी तथा अतुल पाटिल ने कोर्ट को बताया कि हमले में याचियों की कोई भूमिका नहीं थी और पुलिस ने महज संदेह के आधार पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने एक ही मामले में तीन एफआइआर दर्ज किए जाने की वैधता पर भी सवाल उठाया। इस मामले में कुल 201 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 75 मुख्य आरोपित अभी जेल में हैं।कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान 16 अप्रैल, 2020 को पालघर जिले के गढ़चिंचले में उन्मादी भीड़ ने बच्चा चोर के संदेह में दो साधुओं- 70 वर्षीय चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि तथा 35 वर्षीय सुशीलगिरि महाराज और उनके ड्राइवर 30 वर्षीय नीलेश तेलगडे पर हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। ये दोनों साधु एक अंत्येष्टि में भाग लेने के लिए कार से गुजरात जा रहे थे। कोरोना लॉकडाउन के बावजूद ये तीनों मुंबई के करीब लगभग 120 किमी तक जाने में कामयाब रहे। जिस स्थान पर ये घटना हुई, उस पूरे इलाके में कुछ दिनों से बच्चा चोर गिरोह की अफवाह फैली हुई थी। ग्रामीणों को लगा की ये इसी गिरोह से संबंधित हैं और बिना सोचे समझे ही इन लोगों पर ग्रामीणों की भीड़ ने हमला कर दिया, पुलिस के बीच बचाव के बाद इन्हें अस्पताल लाया गया जहां इनकी मौत हो गई।
पालघर के एक गांव में 100 से अधिक लोगों की भीड़ ने इन साधुओं पर हमला कर दिया था। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। पुलिस के अनुसार इस पूरे इलाके में बच्चा चोर गिरोह की अफवाह फैली हुई थी। ग्रामीणों को इन लोगों पर शक हुआ और बिना सोचे समझे हमला करना शुरू कर दिया। इस मामले में वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों का कहना था कि हमें घटना की जानकारी मिली हम वहां पहुंचे लेकिन हमलावर ग्रामीणों की संख्या इतनी अधिक थी कि हम पीड़ितों को बचा नहीं पाए। इस घटना में पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचा था।

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