पहाड़ों में बिखरी जोत की चकबंदी पर होगा काम
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बिखरी जोत होने के कारण कृषकों को खासी मेहनत करनी पड़ती है। इस लिए बिखरी जोत की चकबंदी पर काम होगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कृषि महकमा पर्वतीय क्षेत्रों की बिखरी हुई कृषि जोत से कृषकों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए चकबंदी करने की तैयारी कर रहा है। विभाग का मकसद पर्वतीय क्षेत्र में कृषकों को उनके उत्पाद का अधिक से अधिक मूल्य दिलाना है। इसके लिए बिचौलियों को हटाने की व्यवस्था की जाएगा। सरकार की मंशा अखरोट को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने की भी है।
शुक्रवार को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कृषि महकमे का प्रभार संभालने के बाद अधिकारियों संग मुलाकात की और विभिन्न मसलों पर चर्चा की। बैठक की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि सरकार का मुख्य फोकस पर्वतीय कृषकों को उनका उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाना है। पर्वतीय क्षेत्रों में बिखरी जोत होने के कारण कृषकों को खासी मेहनत करनी पड़ती है।
इससे उनकी फसल पर भी असर पड़ता है। इसके लिए चकबंदी की दिशा में तेजी से काम किया जाएगा। कृषकों को फसल का पूरा मूल्य मिले, इसके लिए बिचौलियों को हटाने के लिए कृषकों को सीधा बाजार से जोडऩे की योजना पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में अखरोट बहुतायत में होता है।
यह ऐसा फल है जो लंबे समय तक चल सकता है। इसके लिए वैश्विक स्तर पर बाजार विकसित किया जाएगा। खेती में जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान पर रोक लगाने के लिए जंगलों में फलों के पेड़ लगाए जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इसके अलावा रेशम के बढ़ावे पर काम किया जाएगा। इसके लिए शहतूत के पेड़ लगाए जाएंगे। फूलों की खेती से भी किसानों को अच्छा फायदा होता है। इसके लिए जागरूकता फैलाने के साथ ही बाजार भी विकसित किया जाएगा।