नरेश अग्रवाल ने जेटली को बताया हनुमान, कहा- किया जाए संविधान संशोधन

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को हनुमान की संज्ञा दी। दरअसल, बुधवार को नरेश अग्रवाल वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़े चार बिलों पर राज्यसा में ही रही बहस में हिस्सा ले रहे थे।

ये चारों बिल लोकसभा में पास कर दिए गए थे। बुधवार को इसे उच्च सदन में पेश किया गया। बता दं कि सरकार ने इस बिल को बतौर मनी बिल पेश किया है। बता दें मनी बिल का मतलब यह होता है कि यदि राज्यसभा कोई सुझाव देती भी है तो सरकार उसे मानने के लिए बाध्य नहीं है।

GST को बतौर मनी बिल पेश किए जाने का विपक्षी दलों ने राज्यसभा में विरोध किया। विपक्षी दल सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि राज्यसभा को अप्रासंगिक बनाने के लिए यह सरकार का तरीका है और इसी तरह से सरकार जरूरी विधेयक पास कराना चाहती है।

आप हमारे हनुमान हैं

चर्चा के दौरान नरेश अग्रवाल ने कहा कि बतौर नेता सदन, राज्यसभा वो इसे बदल सकते हैं। आप इसे मनी बिल की तरह लाए। हम सभी को इस पर आपत्ति है। जब हनुमान को उनकी शक्तियों के बारे में बताया जाता है, तब उन्हें अपने बारे में एहसास होता है। अरुण जेटली, आप हमारे हनुमान है सदन के नेता और संवैधानिक विशेषज्ञ। अगर आप इस सदन की शक्तियां कम करेंगे, तो आपकी भी शक्तियां कम होंगी। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि राज्यसभा को अब महत्वपूर्ण नहीं माना जा रहा है।

बीते सप्ताह लोकसभा में कांग्रेस के एम.विरप्पा मोइली ने कहा था कि राज्यसभा के भी सदस्यों को इस्तीफा दे देना चाहिए, अगर उनमें थोड़ा भी सम्मान बचा है।

भूपेंद्र ने किया सरकार का बचाव

हालांकि राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सरकार का बचाव किया। उन्होंने कहा कि GST को बतौर मनी बिल इसलिए लाया गया क्योंकि जब टैक्स कानून और पैसे से संबंधित कानूनों की बात आती है, तो लोगों के फैसले को लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया जाता है, जैसा कि संविधान के निर्माताओं द्वारा तय किया गया था।

यादव के बाद नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर लोकसभा चुने हुए लोगों की जगह है तो क्या राज्यसभा भिखारियों की जगह है? मुझे नहीं पता कि ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने सलाह दी कि विसंगतियों को ठीक करने के लिए संविधान संशोधन किया जाना चाहिए।

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Source: hindi.oneindia.com

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