देहरादून में नशा रोकने के लिए गठित होगी एंटी ड्रग स्क्वाड
उत्तराखंड में नशाखोरी और मादक पदार्थों का कारोबार गहरी जड़ें जमा चुका है। इस काले कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए एंटी ड्रग स्क्वाड का गठन किया जा रहा है।
देहरादून, [देहरादून]: उत्तराखंड में नशाखोरी और मादक पदार्थ के काले कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए एंटी ड्रग स्क्वाड का गठन किया जा रहा है। सबसे पहले यह प्रयोग राजधानी देहरादून में किया जाएगा। इसके परिणाम संतोषजनक आए तो दूसरे चरण में हरिद्वार और उसके बाद पूरे राज्य में एडीएस का गठन कर दिया जाएगा।
दरअसल, उत्तराखंड में नशाखोरी और मादक पदार्थों का कारोबार गहरी जड़ें जमा चुका है। यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा नशे की जद में है, खासकर युवा वर्ग में तो नशे की प्रवृत्ति हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है। राज्य में दिन-ब-दिन गंभीर होती स्थिति और नशामुक्ति को लेकर समय-समय पर चलाए गए अभियानों के संतोषजनक नतीजे न आने के बाद तंत्र अब उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
इसके तहत एंटी रोमियो स्क्वाड की तर्ज पर देहरादून में एंटी ड्रग स्क्वाड गठित करने का निर्णय लिया गया। गुरुवार को रेंज कार्यालय में इसकी जानकारी देते हुए डीआइजी पुष्पक ज्योति ने बताया कि एंटी ड्रग स्क्वाड में पुलिस के इंस्पेक्टर के साथ ड्रग इंस्पेक्टर को भी शामिल किया गया है। एडीएस नशे के रूप में प्रयोग होने वाली जीवनरक्षक दवाओं बिक्री से लेकर उसकी सप्लाई तक पर नजर रखेगी।
एडीएस मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण कर उनके स्टॉक और बिक्री का भी सत्यापन करेगी। इसके साथ ही एडीएस स्कूल-कॉलेजों में शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी में भी प्रतिभाग करेगी और नशे के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करेगी। साथ ही कॉलेज कैंपस में नशा कारोबारियों के फैले नेटवर्क को तोड़ने का काम करेगी, ताकि छात्र-छात्राओं और युवाओं तक नशे की खेप पहुंचने से रोकी जा सके।
इन बिंदुओं पर होगा काम
-भ्रष्टाचार की शिकायतों पर भी त्वरित कार्रवाई की पुलिस तैयार कर रही रूपरेखा
-एफआइआर दर्ज न करने की शिकायत पर होगा थानेदार का निलंबन
-शहर क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त कराएगी पुलिस
-अवैध खनन की शिकायतों पर होगी त्वरित कार्रवाई
-हेल्प डेस्क को प्रभावी बनाने के लिए उठाए जाएंगे कदम
-डीजीपी के सर्कुलरों के अनुपालन की होगी नियमित मानीटरिंग