दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से गुस्से में चीन अब कश्मीर में देगा दखल
बीजिंग। दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे की वजह से अब चीन की ओर से धमकियां आने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। अब चीन की ओर से कहा गया है कि भारत ने दलाई लामा का दौरा नहीं रोका तो फिर वह जम्मू कश्मीर के मसले में हस्तक्षेप करेगा।
अगर चीन ने शुरू किया खेल तो फिर क्या होगा
गुरुवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल मीडिया की ओर से भारत को यह धमकी दी गई है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन, भारत के दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने की अनुमति के बाद पहले से ही ‘उग्र’ कश्मीर में हस्तक्षेप कर सकता है। ग्लोबल टाइम्स ने भारत के इस कदम को ‘असभ्य और भद्दा’ कदम करार दिया है। चीन, भारत के नार्थईस्ट के बड़े हिस्से को दक्षिणी तिब्बत मानता है और धर्मशाला में रह रहे दलाई लामा को एक अलगाववादी समझता है। वह मानता है कि दलाई लामा एक ऐसे अलगाववादी नेता हैं तो चीन के अंदर ही आजादी तिब्बत की मांग करते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि हैरानी होती है कि भारत इस तरह की थोड़ी हिमाकत दिखाकर क्या वाकई उससे ज्यादा ताकतवर चीन के सामने खड़ा रह पाएगा। इसमें लिखा है, ‘चीन की जीडीपी भारत की जीडीपी से कई गुना ज्यादा है, सैन्य क्षमताएं ऐसी हैं जो भारतीय महाद्वीप तक पहुंच सकती है और भारत के आसपास छोटे-छोटे देशों से भी चीन के अच्छे संबंध हैं, इन तथ्यों के बीच ही भारत का उत्तरी राज्य काफी अशांत है चीन से सटा है, अगर चीन ने यहां पर भारत के साथ खेल शुरू कर दिया तो फिर देखना होगा कि कौन जीतेगा।’
विदेश मंत्रालय ने भी दी है धमकी
चीन की सीमा पीओके से सटी हुई है और लद्दाख और जम्मू कश्मीर से भी कुछ हिस्सा लगता है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर (सीपीईसी) पीओके से होकर गुजरता है और अब सीपीईसी दोनों देशों के बीच तनाव की नई वजह बन गया है। न सिर्फ मीडिया बल्कि चीन के अधिकारी भी भारत पर अपना हमला जारी रखे हैं। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के झू वाइकुन ने गुरुवार को भारत पर दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को लेकर एक के बाद एक कई हमले बोले। वाइकुन ने चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के साथ बातचीत में कहा, ‘भारत दलाई लामा जैसे व्यक्तित्व के साथ आकर अब बड़ी ताकत के तौर पर अपना सम्मान खोता जा रहा है।’ इससे पहले बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से भारत को चेतावनी देते हुए कहा, ‘भारत ने बड़े ही ‘हठपूर्वक’ चीन की चिंताओं का असम्मान किया है और ऐसा करके उसने सीमा विवाद को और बढ़ाया है।’
Source: hindi.oneindia.com