त्योहारों और उत्सवों के बीच भी कोरोना गाइडलाइन को रखें याद

देहरादून । कोरोना संक्रमण के लिहाज से अक्टूबर का महीना अब तक काफी सुकून भरा रहा है। पर इसका मतलब यह नहीं कि खतरा टल गया है। सर्दी का मौसम और त्योहारी सीजन एक बड़ी चुनौती के रूप में मुंह बाहे खड़े हैं। जिस तरह से बाजारों में भीड़ बढ़ी रही है, आगे भी कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। महाराष्ट्र व केरल इसका उदाहरण हैं कि एहतियात न बरती गई तो स्थिति फिर बेकाबू हो सकती है।नवरात्र के बाद दशहरा, दीपावली और क्रिसमस जैसे प्रमुख त्योहार आने हैं। इन त्योहारों को अपने घर-परिवार और समुदाय के बीच मनाने की खास परंपरा रही है। पर इस बार कोरोना के चलते खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप कुमार डिमरी के अनुसार खुद को और अपने करीबी लोगों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए मास्क पहनने के साथ, थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ धोना, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल और दूसरों से शारीरिक दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। त्योहार के उल्लास में भी यह बात बिल्कुल न भूलें। दोस्तों या किसी जानकार से मिलते वक्त हाथ मिलाने से बचें और नमस्ते का उपयोग करें। बचाव के नियमों का पालन करते हुए स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार और समाज को बचाया जाय, यही सबसे महत्वपूर्ण है। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार दुनियाभर में कई लोगों को कोविड-19 संक्रमण हुआ और वे उससे ठीक भी हो गए। ऐसे में कई लोग ऐसी धारणा बना लेते हैं कि वे बीमार भी पड़े तो ठीक हो जाएंगे। इसलिए कोरोना वायरस की सावधानियों में लापरवाही करते हैं। यह सही नहीं है। जितनी ज्यादा संभव हो सतर्कता बरतें। यदि सामाजिक दूरी, मास्क लगाने की आदत में ढील बरती गई तो कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा। त्योहारों और उत्सवों की धूम में अपनी जिम्मेदारी को नहीं भूलना है।

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