डेंजर जोन: यात्रियों के अलावा प्रशासन की भी होगी परीक्षा

गढ़वाल: यात्रा शुरू हुए एक माह हो चुका है, जबकि यात्रा रूट में पड़ने वाले डेंजर जोन कब सक्रिय हो जाएं पता नहीं। आज भी यात्रा मार्गो में कुछ डेंजर जोन ऐसे हैं जो वर्षा काल में यात्रियों के अलावा प्रशासन के लिए परीक्षा की घड़ी साबित होते हैं। आने वाले दिनों में ये जोन चुनौती बनेंगे।

बदरीनाथ व गौरीकुंड हाईवे के अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर कई डेंजर जोन हैं, जो हल्की बारिश के बाद सक्रिय हो जाते हैं। चार धाम यात्रा पर ब्रेक लगाने में इन डेंजर जोन की मुख्य भूमिका रहती है। इनके रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास तो हुए हैं, लेकिन वह नाकाफी साबित हुए हैं।

सिरोबगड़ स्लाइडिंग जोन

रुद्रप्रयाग जिले में बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ सबसे बड़ा स्लाइडिंग जोन हैं। इसके रोकथाम के लिए सरकार ने आरसीसी दीवार, लोहे की जाली लगाई है, जिससे काफी हद तक मलबा रुक पाया है, लेकिन आज भी बरसात में पहाड़ी से तेज रफ्तार से पत्थरों का गिरना आम बात है। जिससे आवाजाही बुरी तरह प्रभावित होती है।

नरकोटा व खांकरा स्लाइडिंग जोन

नरकोटा व खांकरा के बीच भी पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरते रहते हैं, जिससे दुर्घटना की हर समय संभावना बनी रहती है। वहीं रैंताली में हल्की बारिश से भी बड़ी मात्रा में मलबा हाईवे पर आ रहा है, जिससे मार्ग आए दिन जाम हो जाता है। बरसात में यहां पर यात्रियों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। यह स्लाइडिंग जोन पिछले तीन वर्षो से सक्रिय हुआ है। पीड़ा धनपुर मोटर मार्ग का मलबा ऊपर से आने कारण यह सक्रिय हुआ।

गौरीकुंड हाईवे पर स्थित स्लाइडिंग जोन

वहीं दूसरी ओर गौरीकुंड हाईवे पर भी एक दर्जन से ज्यादा स्लाइडिंग जोन हैं। जो बरसात शुरू होते ही विकराल रूप धारण कर लेते हैं, सरकार की ओर से यहां पर स्लाइडिंग रोकने के लिए कार्य तो किए गए, लेकिन यह कार्य सफल नहीं हो पा रहे हैं। नौलापाणी, गुप्तकाशी के पास सेमी व बड़ासू में केदारनाथ आपदा के बाद स्लाइडिंग जोन सक्रिय हुए थे। जबकि विजयनगर में भी हाईवे दो सौ मीटर तक स्लाइडिंग जोन सक्रिय है। यहां पर हर समय पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है।

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गौरीकुंड हाईवे पर स्लाइडिंग जोन

-नालापाणी, गंगतल महादेव, चन्द्रापुरी, सेमी, बडासू, मुनकटिया, कुंड, बासवाणा, सिरोबगड़, रैंतोली, नगरासू।

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डेंजर जोन पर स्लाइडिंग रोकने के लिए लगातार कार्य हो रहा है, इसको लेकर बरसात से पूर्व तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।

प्रवीण कुमार

अधिशासी अभियंता, लोनिवि एनएच गौरीकुंड हाईवे

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