ट्राउट प्रोत्साहन योजना पर्वतीय जनपदों में रोजगार सृजन का कारगर माध्यम बन सकतीः सीएम

-सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ली मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक
-सीएम ने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति व तैयार की गई कार्ययोजना के प्रभावी अनुश्रवण के निर्देश दिए

देहरादून, । मुख्यमंत्री ने मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान विभाग की गेेम चेंजर योजनाओं को स्वरोजगार सृजन के साथ आर्थिकी को बढ़़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना, पर्वतीय जनपदों में रोजगार सृजन का कारगर माध्यम बन सकता है। उन्होंने इसके लिए निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति तथा तैयार की गई कार्य योजना के प्रभावी अनुश्रवण के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड नमामि गंगा एक्वेटिक सेंटर की स्थापना में भी तेजी लाए जाने को कहा ताकि मत्स्य प्रजातियों को संरक्षित करने के साथ विदेशी मत्स्य पर्यटकों को इस ओर आकर्षित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क की स्थापना में भी तेजी लाए जाने को कहा ताकि मत्स्य विभाग की गतिविधियों के लिए एक प्रभावी केंद्र उपलब्ध हो सके इससे भी रोजगार के और अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभाग अपनी कार्य योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान दें, ताकि विभिन्न प्रजाति के मत्स्य उत्पादन गुणवत्ता युक्त मछली की उपलब्धता नई मत्स्य प्रजातियों के बीज उत्पादन एवं विकास के साथ मत्स्य पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
बैठक में बताया गया कि ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए 170 करोड़ का वित्तीय प्राविधान किया गया जिसमें 600 टन ट्राउट मत्स्य उत्पादन, 75 लाख ट्राउट सीड़ उत्पादन के साथ 600 प्रत्यक्ष रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। जबकि इंटिग्रेटेड एक्वेटिक सेंटर की स्थापना के लिए 250 करोड़ का बजटीय प्राविधान किया गया है इसके तहत मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण तथा मत्स्य पर्यटन के प्रति विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किए जाने की योजना है। इसके तहत एक्वा गैलरी के साथ मत्स्य विभाग से संबंधित कई अन्य योजनाओं का विकास किया जाएगा। राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क हेतु 53.39 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है जिसके तहत 5100 टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन के साथ नई मत्स्य प्रजातियों एवं गुणवत्ता युक्त मछली उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

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