जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट, तंबाकू से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क हटाया गया

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पर 1 जुलाई से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क हटा दिया है. जीएसटी लागू होने के बाद यह कदम उठाया गया है. राजस्व विभाग ने 27 फरवरी 2010 की केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिसूचना निरस्त कर दिया. यह अधिसूचना तंबाकू पर उत्पाद शुल्क से संबद्ध था.

जीएसटी संविधान (संशोधन) कानून केंद्र को तंबाकू तथा तंबाकू उत्पाद समेत छह वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क लगाने की अनुमति देता है. अन्य सामान कच्चा तेल, डीजल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस तथा एटीएफ (विमान ईंधन) है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 1 जुलाई से क्रियान्वयन के मद्देनजर तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिसूचना को नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दायरे में लाया गया है. जीएसटी के तहत अहितकर और लग्जरी वस्तुओं पर 28 प्रतिशत जीएसटी के ऊपर उपकर लगाया जाता है.

पान मसाला पर उपकर 60 प्रतिशत लगाने का फैसला किया गया है, जबकि तंबाकू पर उपकर 71 से 204 प्रतिशत के बीच होगा. सुगंधित जर्दा तथा पाउच में आने वाली खैनी पर 160 प्रतिशत तथा गुटखा युक्त पान मसाला पर उपकर 204 प्रतिशत लगेगा. 65 एमएम तक सिगरेट (फिल्टर और गैर-फिल्टर) पर 5 प्रतिशत उपकर लगेगा.

इसके अलावा प्रति हजार सिगरेट पर 1,591 रुपये उपकर लगेगा. इसके अलावा 65 एमएम से बड़ी तथा 70 एमएम तक के बिना फिल्टर वाले सिगरेट पर 5 प्रतिशत उपकर तथा 2,876 रुपये प्रति हजार सिगरेट तथा फिल्टर सिगरेट के मामले में 5 प्रतिशत तथा 2,126 रुपये प्रति 1,000 सिगरेट उपकर लगाया गया है.

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