जानिए वो वजह, जिसके लिए सांसद की मौत के बावजूद भी पेश किया गया बजट

नई दिल्‍ली। इंडियन यूनियन मुस्‍लिम लीग के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद का मंगलवार की देर रात अस्‍पताल में निधन हो गया। मौत की खबर आते ही ऐसी चर्चाएं शुरु हो गईं कि शायद बुधवार (1 फरवरी 2017) को पेश होने वाला बजट टाल दिया जाए। विपक्षी पार्टियों ने बजट टालने की मांग भी की लेकिन इन सबके बाद भी बजट पेश किया गया। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस में छपी खबर में इस बात का जिक्र है कि आखिर सांसद के निधन के बाद भी बजट पेश करने के पीछे क्‍या वजह थी।
अखबार ने कई लीगल एक्‍सपर्ट से बात करने के बाद खबर छापी है कि पीएम मोदी ने बुधवार सुबह ही बजट पेश करने का मन बना लिया था। ऐसा इसलिए क्‍योंकि बसंत पंचमी होने के कारण इस दिन को बहुत शुभ माना जा रहा था। हालांकि अरुण जेटली ने अपनी बजट स्‍पीच में भी इस बात का जिक्र किया था। जेटली ने अपनी स्‍पीच में कहा था ”आज से बेहतर कोई दिन हो ही नहीं सकता था।’ जरूर पढ़ें- बजट 2017: जानिए क्‍या हुआ सस्‍ता और क्‍या हुआ महंगा
इसके अलावा सरकार को इस बात का भी डर था कि अब अगर मेन टाइम पर बजट टाला गया तो कहीं बजट लीक ना हो जाए क्‍योंकि वितरण के लिए इसकी प्रिंटिंग कराई जा चुकी थी। संसद के रिकॉर्ड बताते हैं कि 31 जुलाई, 1974 को स्पीकर गुरदियाल सिंह ने मंत्री एमबी राणा के निधन के बाद संसद को स्थगित नहीं किया था। स्पीकर ने तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री वाईबी चव्‍हाण को बजट पेश करने की अनुमति दे दी थी। इसके अलावा, 19 अप्रैल 1954 को सांसद जेपी सोरेन का निधन रेल बजट के दिन हो गया था लेकिन कार्यवाही को स्थगित नहीं किया गया था। दोनों ही उदाहरण में शोकसभा के लिए समय जरूर निकाला गया था लेकिन बजट को पेश किया गया था।
Source: hindi.oneindia.com

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