जानिए, अगर यूपी विधानसभा चुनाव में जीती भाजपा तो कौन होगा मुख्यमंत्री?
लखनऊ। यूपी में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान करना शुरू कर दिया है। सपा, बसपा और कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे भी तय हो गए हैं लेकिन अभी तक भाजपा ने इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया है। चुनावी सरगर्मियां तेज होने के साथ ही यह सवाल फिर से उठने लगा है कि भाजपा यूपी में मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे के साथ उतरेगी या उसके बिना। वनइंडिया के सूत्रों ने जब इस बारे में भाजपा के नेताओं से बात की तो उनका कहना था कि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। फिलहाल पार्टी का पूरा ध्यान चुनाव प्रचार पर है।
आपको बता दें कि यूपी में समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव और बसपा की तरफ से पार्टी सुप्रीमो मायावती मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। ये दोनों ही राजनीति के दिग्गज चेहरे हैं, ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा को भी मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रखकर ही चुनाव में उतरना चाहिए। कुछ समय पहले तक ऐसी चर्चा थी कि भाजपा की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री के तौर पर पार्टी का चेहरा बन सकते हैं। इन चर्चाओं में इसलिए भी दम था, क्योंकि राजनाथ सिंह यूपी में मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा की सरकार चला चुके हैं। हालांकि पार्टी की तरफ से उनके नाम पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई। ये भी पढ़ें- कभी योगा ने छोड़ने वाले पीएम मोदी ने क्यों छोड़ा आज योगा?
क्या चुनाव से पहले नाम तय करेगी भाजपा?यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि अगर यूपी चुनाव में भाजपा को बहुमत मिलता है तो पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का ताज किसे पहनाया जाता है। भाजपा से जुड़े एक नेता ने बताया कि पार्टी में कुछ नामों पर चर्चा तो है लेकिन इनमें से किसी का भी नाम चुनाव से पहले घोषित होगा, ऐसा नजर नहीं आता। एक बार चुनाव हो जाएं और अगर चुनावों में पार्टी को बहुमत मिलता है तो उसके बाद मुख्यमंत्री का चयन कर लिया जाएगा। आइए आपको बताते हैं कि वो कौन-कौन से नाम हैं, जिन्हें भाजपा में मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है।
कौन-कौन से नाम हैं चर्चा में?
- केशव प्रसाद मौर्य: यूपी की फूलपुर सीट से सांसद केशव प्रसाद मौर्य फिलहाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। सूबे के गैर-यादव ओबीसी वोटरों को भाजपा के खेमे में लाने के लिए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभी तक यह वोट बीएसपी के खाते में जाता रहा है। मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम पर भी पार्टी में चर्चा है। हालांकि प्रशासनिक अनुभव का नहीं होना उनका कमजोर पक्ष है।
- मनोज सिन्हा: सवर्ण वर्ग से आने वाले मनोज सिन्हा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। सिन्हा यूपी की गाजीपुर सीट से सांसद और केंद्रीय दूरसंचार मंत्री हैं। यूपी में सवर्ण वर्ग को ध्यान में रखते हुए उनके नाम पर भी पार्टी विचार कर सकती है।
- महंत आदित्यनाथ: हिंदूवादी नेता की छवि के कारण गोरखपुर से सांसद महंत आदित्यनाथ आरएसएस के एक खेमे की पसंद माने जाते हैं। उनका नाम पहले भी कई बार मुख्यमंत्री के पद के दावेदार के रुप में उभर चुका है। आदित्यनाथ गोरखपुर के अलावा आस-पास के जिलों में भी खासा प्रभाव रखते हैं।
इनके अलावा कई अन्य नाम भी इस पद की दौड़ में हैं। इनमें उमा भारती, महेश शर्मा प्रमुख हैं। हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र का नाम भी चर्चा में आया था लेकिन 75 साल के फॉर्मूले के कारण पार्टी उनके नाम पर शायद ही विचार करे।
Source: hindi.oneindia.com