जल्लिकटटू प्रोटेस्ट: प्रदर्शनकारियों को जबरन मरीना बीच से हटाया गया, सभी रास्ते किए बंद
चेन्नई। तमिलनाडु में जल्लिकटटू पर लगी रोक को हटने के बावजूद प्रदर्शनकारी पिछले 1 हफ्ते से मरीना बीच पर डटे हुए है। प्रदर्शनकारी जल्लिकटटू पर स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं। इसी के लिए वो पिछले कई दिनों से मरीन बीच पर डटे हुए हैं,लेकिन सोमवार को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन वहां से हटाया। पुलिस ने पहले उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें बीच से हटा दिया।
प्रदर्शनकारियों ने रोकी ट्रेन
इस लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं। वहीं पुलिस ने मरीना बीच जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है। चेन्नई के साथ-साथ मदुरै, कोयंबटूर और त्रिची से भी प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया जा रहा है। वहीं प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाए जाने के बाद मदुरै में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोक दी है। लोगों ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए हैं।
पुलिस लोगों को समझाने का प्रयास कर रही है कि सरकार के अध्याधेश के बाद अब उन्हें ये प्रदर्शन खत्म कर देना चाहिए। अब अध्यादेश के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। पुलिस लोगों को विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील कर रही है, लेकिन लोग मरीना बीच छोड़ने को तैयार नहीं थे, जिसके बाद पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा है।
क्या है जल्लिकटटू
सांडों को रोकने के इस पारंपरिक तमिल खेल पर पिछले 3 सालों से बैन लगा हुआ था। जल्लिकट्टू महोत्सव तमिलनाडु के पोंगल पर्व पर होने वाली सांडों की दौड़ है, जिसमें बिना लगाम के सांड दौड़ते हैं, जिन्हें लोग रोकने की कोशिश करते हैं, जो सांडों पर लगाम कस लेता है वो विजयी हो जाता है। सांडों पर कूदकर चढ़ने वाले से अपेक्षा की जाती है कि वह उसके पीठ या कूबड़ पर लटककर एक खास दूरी तक जाए, इस दौरान कई लोग बुरी तरह से घायल हो जाते हैं, कुछ लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं।
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Source: hindi.oneindia.com