चीन में बसे एक भारतीय ने भारत को बताया बलात्‍कार और हिंसा वाला देश

बीजिंग। अभी तक चीन की मीडिया को भारत की रणनीतियों की आलोचना करने के लिए जाना जाता था लेकिन अब एक भारतीय भी चीन की मीडिया का साथ देने में लगा है। चीन में बसे गौरव त्‍यागी ने अपने नए आर्टिकल से भारत पर निशाना साधा है। अपने कुछ आर्टिकल्‍स से गौरव चीन की मीडिया की मदद कर रहे हैं।

सबसे ज्‍यादा कुपोषित बच्‍चे

गौरव ने चीन की सरकारी इंग्लिश वेबसाइट पीपुल्‍स डेली के लिए एक हालिया आर्टिकल लिखा है। इस आर्टिकल में गौरव ने कई ऐसी बातें लिखी हैं जो एक आम भारतीय को चुभ सकती हैं। गौरव ने रविवार को पब्लिश अपने इस आर्टिकल में लिखा है, ‘भारत के पास काफी गंभीर मुद्दे हैं। देश भर में हिंसा, हत्‍याएं और बलात्‍कार एक आम बात है। यह काफी दुखद बात है कि ब्रिटिश शासन से आजादी के 70 वर्ष बाद भी भारत में दुनिया के सबसे ज्‍यादा कुपोषित बच्‍चे हैं, कई ऐसे लोग हैं जिनके पास शौचालय तक नहीं हैं।

भारत का नाम ‘बैकवर्डिस्‍तान’ हो!

आप ट्रेन से भारत में कहीं के भी सफर पर निकल जाइए, सुबह-सुबह खिड़की खोलिए और लोग आपको इस ‘इनक्रेडिबल इंडिया ‘ में खुले में शौच करते नजर आ जाएंगे।’ गौरव यहीं नहीं रुके उन्‍होंने कहा कि भारत का नाम बदलकर ‘बैकवर्डिस्‍तान’ कर देना चाहिए। गौरव के मुताबिक भारत में हर समुदाय इतना पिछड़ा है तो फिर आप इस देश का नाम बदलकर ‘बैकवर्डिस्‍तान’ क्‍यों नहीं कर देते हैं? गौरव की मानें तो अगर ऐसा होगा तो भारत को पश्चिमी देशों से काफी मदद भी मिल जाएगी। इस मदद से भारत को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और अरबों समुदायों को भी फायदा पहुंचेगा।

गौरव के बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं

गौरव ने कहा कि भारत पड़ोसी होने के बाद भी चीन के आसपास नहीं है। उन्‍होंने लिखा कि भारत में आज भी कई लड़कियों को उनकी पसंद के साथी से शादी की मंजूरी नहीं है। आज भी वह घर से बाहर निकलने की हिम्‍मत नहीं रखती हैं। वह अपने दोस्‍तों के साथ शाम को कुछ ड्रिंक्‍स नहीं ले सकती हैं और अगर वे ऐसा करती हैं तो फिर उन्‍हें वेश्‍या का दर्जा मिल जाता है और फिर उन्‍हें बलात्‍कार का शिकार होना पड़ता है। सोमवार को ‘लेटर टू एडीटर’ लिखा है कि भारत की मीडिया को चीन से मुकाबला करने की बजाय अपसी संबंध अच्‍छे करने की जरूरत है। यह गौरव का पहला आर्टिकल नहीं है।

अक्‍टूबर में भी लिखा था ऐसा आर्टिकल

इससे पहले गौरव ने अक्‍टूबर में एक आर्टिकल लिखा था और इस आर्टिकल ने भारत और चीन के बीच लोगों को बहस का एक नया मुद्दे दे दिया था। इस आर्टिकल में गौरव ने चीन की कंपनियों को भारत में इनवेस्‍ट न करने को कहा था। गौरव कौन हें इस बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं है। लेकिन रविवार को लिखे आर्टिकल में उन्‍हें चीन में बसा भारतीय बताया गया है। वहीं अक्‍टूबर वाले उनके आर्टिकल में उन्‍हें भारत में जन्‍मा एक फ्रीलांस जर्नलिस्‍ट बताया गया था जो बाइयिन में रहता है। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक त्‍यागी ने भारतीय मीडिया से बात करने को मना कर दिया है क्‍योंकि उन्‍हें भारत में बसे अपने परिवार की चिंता है।

Source: hindi.oneindia.com

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