चीन ने कहा सीपीईसी की वजह से कश्मीर मुद्दे पर नहीं पड़ेगा कोई असर
बीजिंग। चीन ने एक बार फिर से चीन, चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का जिक्र और कश्मीर पर बात की है। चीन ने एक बार फिर अपने 50 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा कीमत वाले इस प्रोजेक्ट का बचाव किया है। फिर से चीन ने कहा है कि शी जिनपिंग के इस प्रोजेक्ट का मकसद लोगों के जीवन स्तर को सुधारना है और इससे कश्मीर मुद्दे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कश्मीर पर नहीं बदला है कोई रुख
चीन ने यह बात यूके की संसद में पाकिस्तान की ओर से गिलगित बाल्टीस्तान को पांचवां प्रांत घोषित करने के लिए उठाए गए कदम के तहत अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है। चीन ने कहा है कि कश्मीर पर उसका रुख पहले ही जैसा है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। आपको बता दें कि यूके की संसद में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन की ओर से पाकिस्तान के इस कदम की आलोचना करने वाला एक प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव में गिलगित-बाल्टीस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे को अवैध बताया गया है और कहा गया है कि पाकिस्तान इस हिस्से को कश्मीर से अलग करने की कोशिशों कर रहा है। इस प्रस्ताव पर टिप्पणी देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह एक प्रस्ताव भर है और कोई बिल नहीं है। विदेश मंत्रालय ने इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की कि पाकिस्तान गिलगित-बाल्टीस्तान को कश्मीर से अलग कर रहा है, बल्कि यह कहा कि कश्मीर मुद्दे पर चीन की नीति में कोई बदलाव नहीं है।
चीन की वजह से गिलगित बना पांचवां राज्य
जहां एक तरफ पाकिस्तान की मीडिया का दावा है कि भारत से बंटवारे और आजादी के 70 वर्ष बाद अगर गिलगित-बाल्टीस्तान को देश के पांचवें राज्य का दर्जा मिला है तो इसकी वजह है चीन की ओर से बनाया गया दबाव। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन सीपीईसी की वजह से चीन इस हिस्से को विवादित नहीं रहना चाहता है क्योंकि इसका अधिकतर हिस्सा गिलगित-बाल्टीस्तान से होकर ही गुजरता है। वहीं चीन ने इस बात को अप्रत्यक्ष तौर पर खारिज कर दिया है। चीन ने कहा है कि कश्मीर, भारत और कश्मीर का आपसी मसला है, वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की ओर से पूछे गए सवाल का लिखित जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुद्दा इतिहास का मुद्दा है। इसे सही तरीके से आपसी बातचीत और सलाह-मशविरो से सुलझाना चाहिए।
Source: hindi.oneindia.com