खुलासाः देहरादून में छिपा था नाभा जेल ब्रेक कांड का शातिर

अपराध जगत से लेकर पंजाब के उग्रवाद नेटवर्क में गहरी पैंठ रखने वाला सुनील कालरा पुलिस सोच से कई कदम आगे निकला। कालरा के जुर्म की फेहरिस्त जानकर पुलिस को बड़ा झटका लगा है। देहरादून में कालरा की छवि पर कोई दाग नहीं था। इसी विश्वास के सहारे वह नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपियों को शरण देने में कामयाब रहा। कालरा की जन्म कुंडली सामने आई तो पुलिस पैर पटकने के अलावा कुछ नहीं कर पाई। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में एक के बाद एक चूक में पुलिस अधिकारियों की चुप्पी भी सवाल उठने लाजिमी है।

नाभा जेल ब्रेक कांड की दून में रची गई साजिश से पुलिस की साख को बट्टा लगा है। लुधियाना का शातिर अपराधी सुनील कालरा डेढ़ साल तक शहर के डिफेंस कालोनी और अमन विहार में सुनील अरोरा के नाम से रहा। पुलिस सत्यापन का दावा करते नहीं थकती, लेकिन सुनील के नजर में आना पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाता है।

नतीजा यह हुआ कि सुनील के हौसले बुलंद हो गए। खुद तो छिपा ही रहा, नाभा जेल ब्रेक कांड की साजिश रचने वालों को दून में शरण दिला दी। जेल ब्रेक के बाद पलविंदर उर्फ पेंदा शामली में पकड़ा गया तो इसी साजिश का खुलासा हो सका। पेंदा के तीन साथी घटना के बाद सीधे कालरा के पास पहुंचे थे।

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