क्या जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करने में आ सकती हैं दिक्कतें? यह पढ़िए…

नई दिल्ली: एक जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू किया जाना है. पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था को एक जुलाई से लागू करने में ‘गंभीर समस्यायें’ आ सकती हैं. ऐसी स्थिति में इसके क्रियान्वयन में एक माह की देरी करने में कोई नुकसान नहीं है.

हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विश्वास जताया कि राज्य इस नई कर व्यवस्था को एक जुलाई से लागू करने के लिये तैयार हैं. जेटली ने कहा, ‘मैं तय तिथि को लेकर अडिग हूं’ मित्रा ने जीएसटी क्रियान्वयन में देरी किये जाने की मांग करते हुए कहा, ‘केन्द्र ने यदि एक जुलाई को ही क्रियान्वयन पर जोर दिया तो इसमें गंभीर समस्यायें आ सकती हैं. हमें जब इसमें बड़ी समस्या के संकेत दिखाई दे रहे हैं तो फिर इसे एक महीना या इससे अधिक देरी से लागू करने में क्या नुकसान है. आज भी मैंने इसमें देरी किये जाने के बारे में अपनी बात रखी है.’ मित्रा ने यह भी कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री को सबसे पहले यह तय करना चाहिये कि वस्तु एवं सेवाकर नेटवर्क क्या पूरी तरह से तैयार है.

उन्होंने कहा, ‘अब तक जीएसटीएन प्रत्येक राज्य में 200–300 कंपनियों को ही परीक्षण दे सका है. फॉर्म और नियम मई में बदल दिये गये हैं. वित्त मंत्री को यह देखना है कि क्या उन्हें अब तक के सबसे वित्तीय सुधार के साथ ऐसे में आगे बढ़ना चाहिये जब इसके लिये शत-प्रतिशत तैयारी नहीं हैं.’ बीड़ी पर कम कर दर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम जीएसटी की 11 जून को होने वाली अगली बैठक में इस मुद्दे को फिर उठायेंगे.’

जीएसटी परिषद ने आज बीड़ी पर जीएसटी की सबसे ऊंची दर 28 प्रतिशत पर कर लगाने का फैसला किया है जबकि तेंदू पत्ता को 18 प्रतिशत कर की श्रेणी में रखा गया है. हालांकि, बीड़ी पर कोई उपकर नहीं लगाया जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि उनकी सरकार मौजूदा स्वरूप में जीएसटी का समर्थन नहीं करेगी और इसमें जरूरी बदलाव को लेकर वित्त मंत्री को पत्र लिखेगी

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