कटारा हत्याकांडर विकास और विशाल को 25.25 साल की कैद

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2002 में हुए नीतीश कटारा के अपहरण और उसकी हत्या के मामले में विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को आज 25-25 साल की कैद की सजा सुनायी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने इस सनसनीखेज अपराध में तीसरे अभियुक्त सुखदेव पहलवान को 20 साल की कैद की सजा सुनाई ह। पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले में सुधार कर दिया जिसमें विकास और विशाल यादव को हत्या के जुर्म में 25 साल और सबूत नष्ट करने के जुर्म में पांच साल की कैद की सजा सुनाते हुये कहा गया था कि यह लगातार चलेगी।शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी और एक तरह से इस मामले में यादव बंधुओं को 25 साल की कैद की सजा हुयी है। इसी तरह, सुखदेव पहलवान को उच्च न्यायालय ने 25 साल की सजा सुनायी थी लेकिन अब उसे 20 साल की सजा ही भुगतानी होगी। न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विकास और विशाल यादव की अपील पर यह निर्णय सुनाया। उच्च न्यायालय ने दोनों की उम्र कैद की सजा बगैर किसी छूट के बढ़ाकर 25-25 साल कर दी थी। इसके अलावा दोनों को इस मामले में सबूत नष्ट करने के जुर्म में पांच पांच साल की अतिरिक्त सजा सुनायी गयी। इसी तरह, यादव बंधुओं के ही तीसरे साथी सुखदेव पहलवान को बगैर किसी छूट के 25 साल की कैद की सजा सुनायी गयी थी। उच्च न्यायालय का कहना था कि यह अपरााध दुर्लभ से भी दुर्लभतम की श्रेणी में आता है लेकिन अदालत ने उन्हें फांसी के फंदे से यह कहते हुये बचा दिया था कि उनके सुधरने और पुनर्वास की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने 17 अगस्त, 2015 को विकास, विशाल और सुखदेव पहलवान को दोषी करार देने के फैसले को सही ठहराते हुये कहा था कि इस देश में सिर्फ अपराधी ही न्याय के लिये गुहार लगा रहे हैं।

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