उदयपुर: सरकारी राशन चाहिए तो पेड़ पर चढ़कर ऊपर आइए

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर से 125 किमी दूर कोटरा क्षेत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी वजह यहां के हजारों गरीब लोगों को राशन लेने के लिए हो रही भारी परेशानी है। यहां बुजर्ग हो या महिला, जो पेड़ पर नहीं चढ़ सकते उनको राशन नहीं मिल पाता है। इसकी वजह है क्षेत्र में नेटवर्क ना होना और सरकार की राशन लेने के लिए नई प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन पर फिंगरप्रिंट देना है।

सरकार ने राशन के बंटवारे में गड़बड़ी को रोकने के नाम पर पीओएस मशीन से बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन और फिंगरप्रिंट देना होता है। इसके लिए नेटवर्क की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में नेटवर्क की स्थिति बहुत खराब है। ऐसे में राशन वितरक पेड़ पर बैठ जाते हैं ताकि नेटवर्क मिल सके। ऐसे में जो लोग राशन लेने आते हैं, उन्हें पहले पेड़ पर चढ़कर पीओएस मशीन पर फिंगरप्रिंट देना होता है। तब कहीं जाकर राशन मिल पाता है। इसमें भी घंटों तक नेटवर्क नहीं मिलता तो लोग इंतजार में खड़े रहते हैं। कोटरा में राशन वितरण के 76 सेंटर हैं, जिनमें से 13 में नेटवर्क की स्थिति बदतर है।

गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी
बुजुर्ग और महिलाओं को इसमें बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासतौर से गर्भवती महिलाओं को पहले पैदल चलना और फिर राशन के लिए पेड़ पर चढना किसी बुरे सपने जैसा होता है। आसपास के लोग जिनको इस व्यवस्था की वजह से भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, वो नए सिस्टम से खफा हैं। वो कहते हैं कि कैरोसिन और चीनी आदि के लिए पूरा दिन लग जाता है और परेशानी उठाननी पड़ती है, वो अलग। लोगों का कहना है कि नेटवर्क की वजह से राशन डीलर गांव से दूर जाकर ऊंटी जगह तो कभी पेड़ तो कभी किसी दूसरे स्थान पर राशन बांटते हैं, जो हर किसी के लिए परेशानी की वजह बना है। लोगों का कहना है कि बिना किसी के हवा-हवाई कोई व्यवस्था अगर लागू की जाएगी तो फिर ऐसा ही होगा। ग्रामीणों ने कहा कि नए सिस्टम को लागू करने से पहले क्षेत्र के बारे में सरकार को जानकारी तो करनी ही चाहिए थी।

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Source: hindi.oneindia.com

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