उत्‍तराखंड में फर्जीवाड़ा: 62 अपात्रों को चार साल से पेंशन

रुड़की, [रमन त्यागी]: विधवा और दिव्यांग पेंशन को पात्र एड़ियां रगड़ रहे हैं। सिफारिश से लेकर दफ्तरों के चक्कर काटने के बावजूद पेंशन नहीं मिल पा रही है। वहीं, रुड़की विकासखंड में 62 अपात्रों को चार साल से पेंशन दी जा रही है। इस पेंशन के लिए भी न तो पंचायत का कोई प्रस्ताव हुआ है और न ही बीडीओ की संस्तुति। अधिकारियों ने फर्जी तरीके से पेंशन पा रहे लोगों के आवेदन फार्म मांगे तो वह भी गायब हैं। एएसडीएम ने रुड़की विकासखंड के वीडीओ, पूर्व प्रधान, जिला समाज कल्याण अधिकारी को तलब किया है।

चुनावी जनसभा हो या अन्य कार्यक्रम। समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी की जा रही पेंशन को सरकारें अपनी उपलब्धि बताती हैं, लेकिन इस पेंशन में फर्जीवाड़े के मामले भी यदा-कदा सामने आते रहते हैं। ताजा मामला मिर्जापुर-मुस्तफाबाद गांव का है।
यहां के ग्रामीण नफीस ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायत कर बताया कि गांव में ऐसे लोगों को पेंशन दी जा रही है, जो उसके हकदार नहीं हैं। किसी के पास पर्याप्त भूमि है तो किसी की आर्थिक स्थिति भी मजबूत है।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. एमएस बिष्ट ने रुड़की के अपर उपजिलाधिकारी को मामले की मामले की जांच सौंपी थी। एएसडीएम ने जांच-पड़ताल की तो पाया कि 62 लोग ऐसे हैं जो पेंशन पाने के हकदार ही नहीं है।
उन्होंने गांव के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी को तलब कर लिया। इतना ही नहीं पंचायत के प्रस्ताव रजिस्टर भी मंगवाया। इससे पता चला कि जिन लोगों को पेंशन दी जा रही है उनमें से किसी का भी प्रस्ताव पंचायत की ओर से नहीं किया गया है। न ही खंड विकास अधिकारी ने कोई संस्तुति की है।
अपर उप जिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी को बुलाया तो उन्होंने बताया कि उनके स्तर से यह आवेदन पत्र जमा ही नहीं कराए गए हैं। एएसडीएम ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के दफ्तर से इन अपात्रों के आवेदन फार्म भी गायब हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी को भी फार्म लेकर आने को कहा है।
तो चल रहा है बड़ा फर्जीवाड़ा 
समाज कल्याण विभाग की पेंशन को लेकर पूरे जिले में ही फर्जीवाड़ा चल रहा है। ब्लॉक मुख्यालय पर दलाल फार्मों को तैयार कर रहे हैं। फर्जी तरीके से ग्राम प्रधान, लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार एवं एसडीएम की मुहर लगाकर पेंशन के आवेदन फार्मों को भेजा रहा है। दलाल इस काम को आसानी से करवा ले रहे हैं। इतना ही नहीं पंचायत के प्रस्ताव के रजिस्टर की छाया प्रति भी फर्जी तरीके से तैयार कर आवेदन फार्म के साथ लगा दी जा रही है।

 

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