उत्तराखण्ड में बीजेपी और कांग्रेस बनी सन्देह अलंकार, साड़ी बीच नारी है कि नारी बीच साड़ी है
उत्तराखण्ड की हालात आज ऐंसे हो गए कि मतदाता को समझ ही नही आ रहा की किसको वोट दिया जाय । राज्य को बने 16 वर्ष पूर्ण हो गए हैं लेकिन आज भी राज्य का अधिकतर भू-भाग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। राज्य में बारी-बारी से कॉग्रेस और बीजेपी की सरकार रही हैं, क्षेत्रीय दल का दम्भ भरने वाला उत्तराखण्ड क्रांति दल लगभग हर सरकार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल ही रहा है।
उत्तराखण्ड राज्य की मांग करने के पीछे उद्देश्य यह था कि लखनऊ में बैठकर पर्वतीय क्षेत्र का विकास नही किया जा सकता था। सालों के आंदोलन के बाद राज्य का निर्माण तो हुवा लेकिन उत्तराखण्ड राज्य की बागडोर ऐंसे लोगों के हाथों में चली गयी जिन्होंने सिर्फ अपने निजी स्वार्थ तक ही सोच बनाई।
16 साल पूरे होने के बाद भी राज्य की स्थिति दिन प्रतिदिन बदत्तर हो रही है।कोई भी पार्टी स्थिर सीएम नही दे सकी। अपने निजी फायदे के लिए ये पार्टियां सीएम और मंत्री पद को लेकर शुरू से लेकर आज तक लड़ते रहे हैं। किसी तरह 2002 से 2007 तक नारायण दत्त तिवारी ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाये वो भी अपनी पार्टी के लोगों के विरोध के बावजूद किसी तरह 5 साल पूरे कर गए।
इन सभी पार्टियों ने या नेताओं ने वास्तविकता के आधार पर विकास का कोई खाका ही नही खींचा, जिस कारण राज्य अपार खनिज सम्पदा/वन सम्पदा, ऊर्जा के स्रोत, पर्यटन एवं तीर्थाटन होने के बावजूद भी 407 अरब के कर्ज तले दबा है। ये कर्ज तो सिर्फ सरकार के ऊपर है इसके बावजूद राज्य के सार्वजनिक निगम भी अपने ऊपर कर्ज लेकर बैठे हैं। अगर ये कहा जाय की राज्य बनने के बाद मात्र हजार दो हजार लोगों का भला हुवा तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी।
अब विधान सभा चुनाव 2017 निर्णायक दौर में हैं व अब भी क्षेत्रीय दलों को छोड़ दिया जाय तो दोनों राष्ट्रीय पार्टी विकास के एजेंडे पर चुनाव नही लड़ रहे हैं, उनका ध्यान सिर्फ एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने तक सीमित है। हरीश रावत आरोप लगा रहे हैं नरेंद्र मोदी पर। बीजेपी आरोप लगा रही है हरीश रावत पर। याने कि इनको उत्तराखण्ड के विकास की चिंता है ही नही। सिर्फ एक दूसरे पर आरोप लगाकर जनता को भ्रमित कर रहें है। जनता के आगे भी मजबूरी दिख रही है कि वोट किसको दे। कांग्रेस में बीजेपी वाले आ गए बीजेपी में कांग्रेस वाले। स्थिति जो भी उत्तराखण्ड राज्य के निवासियों का विकास होना सपने जैंसा ही लग रहा है।