उत्तराखंड में बारिश से दरक रही पहाड़ियां, आफत ही आफत

देहरादून : उत्तराखंड में मानसून के तेवर भारी पड़ने लगे हैं। चमोली से लेकर पिथौरागढ़ तक बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार अगले 36 घंटों में राज्य में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। कहीं-कहीं विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में भारी से बहुत भारी वर्षा की भी संभावना है।

पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। इसके साथ कई क्षेत्रों में आफत भी आ रही है। पिथौरागढ़ व चंपावत जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन से एक दर्जन से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए। बेरीनाग में भारी बारिश के मद्देनजर प्रशासन ने ऐहतियातन बुधवार को स्कूल बंद करा दिए।

कुमाऊं में डेढ़ दर्जन मार्ग मलबा आने से बंद हैं। सीमांत तहसील मुख्यालय मुनस्यारी भी अलग-थलग पड़ गया है। कैलास मानसरोवर यात्रा पूरी कर लौट रहा दल राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण तीन घंटे तक बलुवाकोट में फंसा रहा। यही नहीं, क्षेत्र की नदियां भी उफान पर हैं।

बारिश का दौर जारी

उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। चमोली में गत रात्रि से बारिश बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सुबह बदरीनाथ हाईवे  लामबगड़ में मलबा आने से बंद हो गया था। इसे खोल दिया गया। ऐसे में हेमकुंड व बदरीनाथ यात्रा जारी है।

रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ सहित अन्य स्थानों में बारिश का दौर जारी है। केदारनाथ हाईवे मुनकुटिया व गौरीकुंड के पास मलबा आने से बंद हो गया। इसे खोलने के प्रयास हो रहे हैं। यहां से यात्री पैदल ही आगे को रवाना हो रहे हैं।

उत्तरकाशी जिले में गत से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। रुणबासा के पास मलबा आने से गंगोत्री हाईवे पर करीब एकर घंटे तक बंद रहा। इसे बीआरओ ने हाईवे को सुचारु किया। कोटद्वार, पौड़ी, टिहरी आदि स्थानों पर भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है।

नैनीताल में झील का जलस्तर बढ़ा 

सरोवर नगरी में नैनीताल में मानसून की बारिश जारी है। बारिश के दौरान मलबा व बोल्डर आने से भावली अल्मोड़ा स्टेट हाइवे कैंची के पास तथा भोरियाबैंड के पास बंद है। वाहनों को वाया रामगढ़ क्वारब होते हुए भेजा जा रहा है। इसके अलावा देवीपुरा सौड़, अमेल-खोला ग्रामीण मार्ग बंद है।

झील नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार नैनी झील जलस्तर करीब एक फीट पांच इंच बढ़ चुका है, जो सामान्य से माइनस साढ़े सात फीट नीचे है। बारिश से सुबह बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इधर लगातार ब बारिश से ऊंचाई वाले इलाकों में जल स्रोत फूट पड़े हैं। पर्यटकों की आमद भी कम हो गई है।

कई सड़कें बंद 

पिथौरागढ़ मे रातभर बारिश होती रही। यह क्रम जारी है। साथ ही करीब एक दर्जन मार्ग बंद पड़े हैं। चंपावत जिले में तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है। इससे अब भूस्खलन और भू कटाव के साथ ही नदी नाले ऊफान पर आ गए हैं। टनकपुर-पिथौरागढ हाइवे सहित नौ ग्रामीण मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध हो गए।

तापमान में आई गिरावट 

अल्मोड़ा में पर्यटक नगरी रानीखेत, कोसी व गगास घाटी समेत समूचा पर्वतीय अंचल बारिश से तरबतर है। इससे अधिकतम तापमान में पिछले दिनों की तुलना में करीब 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। बारिश के चलते पनुवानौला- धौलछीना मोटरमार्ग बंद हो गया।

बेरीनाग में स्कूल बंद  

मानसून के तेवर कुमाऊं मंडल में अधिक तीखे रहे। खासकर पिथौरागढ़ व चंपावत जिलों में। पिथौरागढ़ के बेरीनाग में मूसलाधार बारिश से लोग सहमे रहे। वहां स्कूल नहीं खोले गए। प्रशासन के मुताबिक यदि मौसम के तेवर नरम पड़ने पर ही स्कूल खोलने का फैसला लिया जाएगा।

नदियां उफान पर सड़कें बंद 

पिथौरागढ़ क्षेत्र की प्रमुख नदियां काली, गोरी, सरयू व शारदा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाके की आबादी को सतर्क किया गया है। थल, बेरीनाग व हीपा क्षेत्र में एक दर्जन घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं, मुनस्यारी को जोड़ने वाला जौलजीवी-मुनस्यारी मार्ग कई जगह मलबा आने से बंद हो गया है।

नाले में बहा युवक 

चमोली में जोरदार बारिश के बाद उफान पर आए बरसाती नाले घिंघराण को पार करते वक्त देवर खडोरा निवासी एक युवक तेज बहाव में बह गया, जिसे ग्रामीणों ने खासी मशक्कत के बाद बचाने में कामयाबी पाई। जिला अस्पताल में उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। हेलंग-उर्गम मार्ग पर हेलंग के पास पहाड़ी दरकने से भारी मलबा आ गया, जिससे यातायात ठप है।

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