उत्तराखंडः गढ़वाल में झमाझम बारिश, मानसून को अभी इंतजार

देहरादून : उत्तराखंड में मानसून को अभी इंतजार करना पड़ेगा। गढ़वाल मंडल में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की समेत पर्वतीय जिलों में झमाझम बारिश हुई, वहीं कुमाऊं मंडल के अधिकांश जिलों में धूप खिली है। कई स्थानों पर बारिश आफत लेकर भी आ रही है। फिलहाल चारधाम यात्रा सुचाररु है।

देर रात से देहरादून में गरज के साथ जोरदार बारिश हुई। रुड़की में भी सुबह बारिश हुई। रुद्रप्रयाग, चमोली जनपद में रात भर बारिश के बाद सुबह बारिश थम गई। उत्तरकाशी में फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया।

उत्तराखंड में 30 जून तक पहुंचेगा मानसून 

वहीं प्रदेश में मानसून के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि, कई दिन से बिहार में अटका मानसून अभी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में ही पहुंचा है। 30 जून या एक जुलाई तक मानसून के उत्तराखंड पहुंचने की संभावना है। आम तौर पर उत्तराखंड में मानसून जून के तीसरे सप्ताह तक दस्तक दे देता है।

इस बार मानसून ने समय से पहले 30 मई को केरल में दस्तक दी थी। इसके बाद उम्मीद थी कि अगले 20 दिन में यह उत्तराखंड पहुंच जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जबकि पिछले साल मानसून 21 जून को पहुंच गया था। यह मानसून पहुंचने की औसत तिथि भी है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि मानसून की धीमी चाल के चलते इसे उत्तराखंड तक पहुंचने में देरी हो रही है। लेकिन उम्मीद है कि अब मानसून तेजी के साथ आगे बढ़ेगा और अगले चार से पांच दिन में उत्तराखंड समेत उत्तर भारत में दस्तक देगा।

दो दिन भारी बारिश 

मौसम विभाग के मुताबिक दो दिन चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि, मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में ही अच्छी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसारअनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है।

आफत बढ़ा रही बारिश 

अल्मोड़ा व बागेश्वर में अतिवृष्टि से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अल्मोड़ा के रिवाड़ी व बिजरानी गांव में अतिवृष्टि के बाद ग्रामीणों के घरों में मलबा घुस गया और दहशत में आए ग्रामीण घर छोड़कर कुछ घंटों के लिए ऊंचाई वाले क्षेत्र में चले गए। चौखुटिया (अल्मोड़ा)-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो स्थानों पर भारी मलबा जमा हो जाने से रविवार को यातायात बाधित रहा और शाम छह बजे मार्ग खोला जा सका। बागेश्वर जिले में भारी बारिश से दो मकान क्षतिग्रस्त होने के साथ ही दो मवेशियों की भी मौत हो गई है।

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