इरफान खान बोले, ‘बाहुबली’ से लेना है लोहा तो यह तो करना ही होगा…

नई दिल्‍ली: अभी तक साउथ इंडियन फिल्‍मों में अपने शानदार विजुअल इफेक्‍ट्स के लिए प्रसिद्ध डायरेक्‍टर राजामौली की फिल्‍म ‘बाहुबली 2’ के जबरदस्‍त प्रदर्शन ने बॉलीवुड को अपनी तकनीक और क्षमताओं पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. ‘बाहुबली 2’ ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और अब विशेषज्ञों का मनना है कि इस फिल्‍म के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए हिंदी फिल्‍म निर्माताओं को काफी मशक्‍कत करनी पड़ेगी. ऐसे में  बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपनी एक्टिंग से वाहवाही लूट चुके एक्‍टर इरफान खान का कहना है कि क्षेत्रीय भाषाओं की शानदार फिल्मों के बीच अपना वजूद कायम रखने के लिए हिंदी सिनेमा को अपना स्तर ऊपर उठाने की जरूरत है. इरफान इन दिनों अपनी आने वाली फिल्‍म ‘हिंदी मीडियम’ के प्रमोशन में लगे हैं.

न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार इरफान ने संवाददाताओं से कहा, ‘सिनेमा बदल रहा है और इसके दर्शक ज्यादा परिपक्व हो रहे हैं. अगर आप अच्छी कहानी वाली फिल्में पेश कर सकते हैं, तो फिल्म को दर्शक हमेशा अच्छी प्रतिक्रिया देंगे.” उन्होंने कहा, “लेकिन अब मुझे लगता है कि हिंदी सिनेमा को अपना स्तर ऊपर उठाने की जरूरत है क्योंकि एक तरफ जहां हॉलीवुड हिंदी सिनेमा के व्यवसाय को प्रभावित कर रहा है वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय भाषा कि फिल्में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं.”

इरफान खान का कहना है कि ‘बाहुबली’ जैसी दक्षिण भारतीय फिल्मों में भारत के पूरे बाजार पर कब्जा करने की क्षमता है, इसलिए हिंदी सिनेमा को वास्तव में अच्छे विषयों के साथ आने की जरूरत है. इरफान के अनुसार, ‘उन्हें दर्शकों को अच्छी कहानियों के जरिए आकर्षित करने की कोशिश करनी चाहिए वरना उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.”

इरफान ने सोमवार को मुंबई में हिंदी मीडियम स्‍कूल में पढ़ाने वाले टीचरों के लिए अपनी फिल्‍म ‘हिंदी मीडियम’ की एक स्‍पेशल स्‍क्रीनिंग की. फिल्म ‘हिंदी मीडियम’ ने देश में अंग्रेजी भाषा बोलने के प्रति बढ़ते आग्रह जैसे मुद्दे को छुआ है. इस बारे में इरफान ने कहा कि अंग्रेजी भाषा जरूरत बन गई है और वह अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं हैं. लोगों को ज्यादा से ज्यादा भाषाओं को सीखने की कोशिश करनी चाहिए लेकिन अपनी मातृभाषा पर गर्व भी करना चाहिए.

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इरफान खान की फिल्‍म ‘हिंदी मीडियम’ 19 मई को रिलीज हो रही है.

इरफान ने भारत में शिक्षा के मौजूदा हालात पर कहा कि आजकल पढ़ाई ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक हो गई है और बच्चों के लिए स्कूली पढ़ाई ही पर्याप्त नहीं है. इसके लिए उन्हें निजी कक्षाओं में अपनी पढ़ाई के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होती है. भारत में सरकारी सहायता से संचालित स्कूलों में शिक्षा का स्तर अच्छा नहीं है और अगर यह बेहतर हो जाता है तो फिर राष्ट्र भाषा को अपनी जगह बनाए रखने में मदद मिल सकती है.

साकेत चौधरी निर्देशित ‘हिंदी मीडियम’ में पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा कमर, दीपक डोबरियाल और अमृता सिंह भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म 19 मई को रिलीज होगी.

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