इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग : इन जरूरी चीजों की अनदेखी पड़ सकती है भारी….

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तिथि (31 जुलाई) यूं तो अभी दूर है लेकिन इसके लिए दस्तावेज तैयार रखने की तैयारियां आपको अभी से शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि आखिरी दिनों में इनकम टैक्स वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर ट्रैफिक अधिक होने की वजह से कई बार सर्वर डाउन जैसी समस्याओं से टैक्सपेयर्स को दो-चार होना पड़ता है और अनावश्यक देरी होती है.

एक बात आपको जरूर बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा दस्तावेज है जो आपकी आय के घोषित होने को ‘सत्यापित’ करता है. मार्च 31  बीतते बीतते आपने पिछले वित्तीय वर्ष से जुड़े निवेश आदि से जुड़े सभी कर्म पूरे कर लिए होंगे और आपका कितना टीडीएस कटा, यह सब जानकारी भी आपको मिल गई होगी.

जानी मानी शेयर ट्रेडिंग कंपनी और फाइनेंशल कंसल्टेंट मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, टैक्स रिटर्न फाइल करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसकी आय ढाई लाख रुपये से अधिक है उसे आईटी रिटर्न फाइल करना होगा. अब चाहे उसकी आय कर योग्य आय में आती हो या नहीं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके पैन कार्ड और आधार नंबर के जरिए आपके द्वारा किए गए सभी प्रकार के जीवन शैली से जुड़े खर्चों, निवेश, विदेश यात्राओं और संपत्तियों की खरीददारी को ट्रैक करता है. इसलिए बेहतर होगा कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अपनी ये सभी डीटेल सही सही दें और पूरी दें.

याद रखें कि आपकी आय के सभी स्रोत- आपके आईटी रिटर्न- में मेंशन किए जाने चाहिए. यदि आपके डिविडेंड टैक्स फ्री हों तो भी आपको अपने आईटी रिटर्न में इन सब निवेशों आदि का ब्यौरा देना पड़ेगा.

यदि आपको शेयरों की खऱीद फरोख्त में घाटा हुआ हो, या फिर इक्विटी से जुड़े म्यूचुअल फंड्स में आपको नुकसान उठाना पड़ा हो, तब भी आपको इनकी जानकारी रिटर्न फाइल करते समय देनी होगी.

आपको अपना रिटर्न ऑनलाइन फाइल करना बेहद जरूरी है इसके लिए आपको इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर जाकर यह काम पूरा करना होगा. हालांकि आपका काम यहीं खत्म नहीं होता. आपके द्वारा फाइल किया गया रिटर्न अपने बैंक अकाउंट या आधार नंबर के जरिए ई-वेरिफाई भी करना होगा. ई-वेरिफाई इसलिए किया जाता है ताकि आय़कर अधिकारियों को यह सुनिश्चित हो सके कि आपके द्वारा ही इसे भरा गया है.

50 हजार रुपये से कम का रिफंड सीधे आपके बैंक अकाउंट में आरटीजीएस (RTGS) के जरिए आ जाता है और यदि इससे अधिक का रिफंड आना है तो यह केवल चेक के जरिए आप तक पहुंचाया जाएगा. यदि आपका रिफंड 50 हजार रुपये से अधिक आना है तो यह सुनिश्चित कर लें कि आईटी रिकॉर्ड में आपका पता पूरी तरह से अपडेटेड हो क्योंकि चेक उसी पते पर आएगा. ऐसे में गलत पता होने पर चेक गलत जगह जा सकता है.

याद रखें कि 1 जुलाई 2017 तक आधार कार्ड को इनकम टैक्स रिटर्न विभाग की साइट पर जोड़ देना जरूरी है. यदि आप 31 जुलाई तक आईटी रिटर्न फाइल नहीं कर पाए और यदि आपका कोई टैक्स बनता ही नहीं है तो अगले साल 31 मार्च तक आप भर सकते हैं रिटर्न. लेकिन, रिफंड के मामलों में 31 जुलाई के बाद फाइल किए जाने वाले रिटर्न को एंटरटेन नहीं किया जाएगा.

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