इंदिरा हृदयेश बोलीं, निर्दलियों ने नहीं दिया विचारधारा का साथ
देहरादून : राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद सियासी गलियारों में उठापटक शुरू हो गर्इ है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों पर निशाना साधा है।
हृदयेश ने कहा कि दो निर्दलीय विधायकों ने सत्ता का साथ देने के लिए विचारधारा की लड़ाई से मुंह मोड़ा है, जबकि निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के लिए भाजपा ने पहले समर्थन मांगा, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के विधायक हैं और आगे भी रहेंगे।
राष्ट्रपति पद की यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार को दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन नहीं मिलने से कांग्रेसी खेमे में हताशा देखी गई। पार्टी ने इन दोनों विधायकों पर इशारों में ही प्रहार भी किया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि दोनों निर्दलीय विधायक पहले किसी न किसी रूप में कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।
निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन चाहते थे, लेकिन साथ ही वो पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ने के बजाए निर्दलीय लड़ना चाहते थे। इस वजह से पिछली सरकार में मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने कांग्रेस से दूरी बनाए रखी। अन्य निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा कांग्रेस से जुड़े थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते।
विधायक रामसिंह कैड़ा का कहना है कि कांग्रेस ने यह चुनाव लोकतंत्र की रक्षा की विचारधारा को बचाने के लिए लड़ा और पार्टी इसमें सफल रही। यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार की छवि और पारिवारिक सियासी विरासत सिद्धांतों से जुड़ी है। वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति चुनाव में निर्दलीय विधायकों का समर्थन देने के लिए आभार जताया।