आरक्षण को लेकर RSS नेता के बयान पर घिरी बीजेपी, विरोधियों ने कहा- माफी मांगें PM नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की वजह से गर्माए सियासी माहौल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने आरक्षण खत्म करने को लेकर ऐसा बयान दिया कि बीजेपी मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है। हालांकि विपक्षी पार्टियों की ओर से घेरे जाने के बाद आरएसएस प्रवक्ता ने अपना बयान वापस ले लिया लेकिन कांग्रेस और दूसरी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर माफी की मांग कर रही हैं।
वैद्य ने जयपुर में दिया था बयान
आरएसएस प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने शुक्रवार को कहा कि आरक्षण पूरी तरह खत्म कर दिया जाना चाहिए। जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘आरक्षण के नाम पर सालों तक लोगों को अलग करके रखा गया, इसे खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी है। सभी को साथ लाने के लिए आरक्षण खत्म करना होगा। आरक्षण से अलगाववाद को बढ़ावा मिलता है इसलिए आरक्षण के बजाय अवसर को बढ़ावा देना चाहिए।’ READ ALSO: यूपी में कांग्रेस-सपा गठबंधन के लिए प्रियंका ने संभाली कमान
कांग्रेस ने कहा-बेनकाब हुई बीजेपी
मनमोहन वैद्य के बयान पर कांग्रेस ने विरोध दर्ज कराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए माफी मांगें। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी और आरएसएस की दलित विरोधी मानसिकता एक बार फिर बेनकाब हुई है। इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।’ वहीं, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी बयान पर सवाल उठाए और कहा कि आरक्षण के विरोध में वैद्य ने जो बयान दिया है उसका जवाब बीजेपी यूपी में चुनाव हराकर दिया जाएगा।
‘अपनी मानसिकता बदले आरएसएस’
यूपी में दलितों को मुख्य चेहरा कही जाने वाली बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी इसकी निंदा की और कहा कि संघ को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘आरएसएस को संविधान और देशहित में अपनी गलत और जातिवादी मानसिकता में बदलाव करने की सख्त जरूरत है।’ समाजवादी पार्टी ने भी इसका विरोध किया और कहा, ‘आरएसएस के लोग चुनाव से पहले ऐसे बयान देते हैं। बीजेपी और आरएसएस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और उनकी विचारधारा का जवाब जनता देगी।’ READ ALSO: अरविंद केजरीवाल को ट्विटर पर कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने दिया करारा जवाब
घमासान छिड़ा तो दी सफाई
आरएसएस प्रवक्ता मोहन वैद्य ने बयान पर बवाल मचता देख सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था। मैंने यह कहा था कि जब तक समाज में लोगों के बीच भेदभाव है, तब तक आरक्षण रहेगा। धर्म के आधार पर आरक्षण देने से अलगाववाद बढ़ रहा है। संघ आरक्षण के पक्ष में है। दलितों और पिछड़ों को आरक्षण मिलना चाहिए।’ चुनावी लिहाज से देखें तो वैद्य के बयान का असर बीजेपी के वोटों में पड़ सकता है। यूपी में 21 फीसदी दलित और 40 फीसदी ओबीसी मतदाता हैं। जबकि पंजाब में 30 फीसदी दलित वोटर हैं। अगर ये वोटर आरक्षण के मुद्दे की वजह से बीजेपी के हाथ से निकल गए तो पार्टी को काफी नुकसान होगा।
बिहार चुनाव से पहले RSS प्रमुख ने दिया था बयान
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसा ही बयान दिया था जिसे विरोधी पार्टियों ने मुद्दा बनाया था। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहना पड़ा कि आरक्षण पर कोई रोक नहीं लगेगी यह जारी रहेगा। हालांकि चुनाव में इसका असर देखने को मिला। भागवत ने बाद में सफाई दी थी कि वह आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की बात कह रहे थे ताकि जरूरतमंदों को लाभ मिले।
Source: hindi.oneindia.com