आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने किया एयर इंडिया के विनिवेश के फैसले का विरोध
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन बीजेपी और संघ परिवार से जुड़े संगठन ही इसके विरोध में खड़े हैं. सवाल बस यह है कि क्या वे अपने विरोध को ऐसी धार देंगे कि सरकार को फैसला वापस लेने पर मजबूर कर सकें?
आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने एयर इंडिया का हिस्सा बेचने के खिलाफ बैठक की. सोमवार को भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि इससे यहां के हजारों कामगारों का शोषण बढ़ेगा. इसलिए भारत सरकार फौरन इस फैसले को वापस ले.
भारतीय मजदूर संघ के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने एनडीटीवी से कहा, “हम मांग करते हैं कि भारत सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के फैसले को रोलबैक करे…नहीं तो नवंबर में पांच लाख वर्कर संसद का घेराव करेंगे.”
उधर केंद्र सरकार ने कहा है कि एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला काफी सोच-समझकर लिया गया है और विनिवेश के दौरान एयर इंडिया के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा. श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने एनडीटीवी से कहा, “कैबिनेट ने एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला उसे सुधारने के लिए किया है. विनिवेश के बाद सभी वर्करों को एब्ज़ार्ब किया जाएगा. उनको सही जगह पर एडजस्ट किया जाएगा. सभी के हितों को ध्यान में रखा जाएगा.”
हाल के दिनों में केंद्र सरकार के बहुत सारे फैसले ऐसे रहे हैं जिनका भारतीय मजदूर संघ ने विरोध किया है. लेकिन सवाल यह है कि यह विरोध दिखावे का है या इससे सरकार की नीतियों पर असर भी पड़ेगा?
आरएसएस से जुड़े मजदूर संघ भारतीय मजदूर संघ का विरोध कई सवाल खड़े कर रहा है. यह साफ दर्शाता है कि संघ परिवार के अंदर विनिवेश के मसले पर एक राय नहीं है. लेफ्ट समर्थित सीटू पहले ही एयर इंडिया के विनिवेश के खिलाफ अपना विरोध जता चुकी है. अब बड़े मजदूर संघों के इस विरोध से निपटना सरकार के लिए आसान नहीं होगा.