आरएसएस की संस्था भी मोदी सरकार के बजट के विरोध में उतरी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इस बार का बजट पेश कर दिया है, जिसके खिलाफ तमाम विपक्षी दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन अब इस आलोचना में आरएसएस की सहयोगी संस्था भारतीय मजदूर संघ ने भी शुरु कर दी है। मजदूर संघ ने कहा कि केंद्रीय बजट अपने ही वायदों को पूरा करने में विफल है, इस बजट के जरिए बदलाव, स्वच्छ भारत का लक्ष्य नहीं पूरा किया जा सकता है। मजदूर संघ ने एक बजट पर अपना बयान जारी किया है जिसमें उसने कहा कि जो बजट वित्त मंत्री द्वारा 2017-18 के लिए पेश किया गया है वह लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है।

बजट के जरिए सरकार ने जो वायदा किया था जिसमें बदलाव, बिजली पहुंचाना और स्वच्छ भारत अहम है वह इस बजट से पूरा नहीं होता। इसके अलावा गरीबी को कम करने की दावा भी इस बजट में दिखता नहीं है। नोटबंदी के जरिए बड़ी संख्या में पैसा जमा किया गया लेकिन यह सामाजिक बदलाव के लिए बिल्कुल भी कारगर नहीं दिखता है। इसके अलावा नोटबंदी के चलते पलायन के मुद्दे को भी इस बजट में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि बजट में मनरेगा का बजट बढ़ाया गया है।

नोटबंदी के चलते बड़ी संख्या में बेरोजगारी बढ़ी और लोग शहर छोड़ एक बार फिर से गांव चले गए, लेकिन इन तमाम मुद्दों को बजट में शामिल नहीं किया गया और ना ही प्रभावित लोगों का खयाल रखा गया है। यही नहीं कर में जो छूट दी गई है वह भी पर्याप्त नहीं है, लोगों को अपेक्षा थी कि टैक्स में अधिक छूट मिलेगी क्योंकि अधिकतर लोग टैक्स देते हैं वह सैलरी पाने वाले ही लोग हैं। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि मजदूरों, गरीबों व सैलरी पाने वाले लोगों के लिए भी यह बजट निराशाजनक है। असंगठित क्षेत्र, स्कीम वर्कर की इस बजट में पूरी तरह से अनदेखी की गई है। भारतीय मजदूर संघ ने बजट के खिलाफ तत्काल प्रभाव से प्रदर्शन की भी बात कही है, जिन लोगों ने नोटबंदी में सरकार का साथ दिया उन्हें सरकार को छूट देनी चाहिए और उन्हें सहूलियतें भी मुहैया कराई जानी चाहिए।
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Source: hindi.oneindia.com

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