आपातकाल के राजनीतिक बंदियों को सरकार देगी पेंशन

देहरादून : उत्तराखंड में भाजपा सरकार के सौ दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार आपातकाल के दौरान मीसा (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत जेल गए लोगों को सम्मानित करने की तैयारी कर रही है। इन सभी बंदियों को 16 हजार रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी। माना जा रहा है कि 26 जून को होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री इसकी घोषणा करेंगे।

भाजपा प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले कैबिनेट की बैठक में आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल के दौरान मीसा एक्ट के तहत कई लोगों को जेल भेजा था। इसे तब सभी विपक्षी दलों ने सरकार की तानाशाही करार दिया था।

तब भाजपा वजूद में नहीं थी और जनसंघ के रूप में जनता पार्टी का हिस्सा थी। आपातकाल में जेल जाने वालों में अधिकांश जनता पार्टी से जुड़े नेता थे। प्रदेश में सरकार के सौ दिन पूरे होने पर सरकार बड़ा आयोजन करने जा रही है। इसमें सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखने के साथ ही मीसा बंदियों को सम्मानित करने की भी तैयारी है।

सरकार ने कुछ समय पहले इन्हें पेंशन देने का निर्णय लिया था। उस समय सरकार ने पेंशन राशि पर फैसला नहीं लिया था। अब इस पर निर्णय लिया जा चुका है। सूत्रों की मानें तो मीसा बंदियों को 16 हजार रुपये पेंशन देने का निर्णय हो चुका है। अभी मीसा बंदियों की पूरी संख्या सरकार के पास नहीं है। इसके लिए जिलों से इसकी जानकारी जुटा रही है। हालांकि, एक अनुमान के मुताबिक इनकी संख्या 22 व इससे अधिक हो सकती है।

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