आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकते हैं तुलसी के पत्ते
तुलसी के औषधीय गुणों से तो हर व्यक्ति परिचित है। आमतौर पर लोग इसका सेवन चाय में करते हैं या फिर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर करने में भी इसकी मदद ली जाती है। जब भी तुलसी की बात होती है तो इसके फायदों का ही गुणगान करते हैं। लेकिन कई बार यह स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है। दरअसल, तुलसी में मौजूद यूजीनॉल का स्तर अधिक शरीर में बढ़ जाता है तो इससे शरीर में टॉक्सिन बढ़ने लगता है और व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं तुलसी के पत्तों से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में−
करे खून को पतला
जिन लोगों को रक्त का थक्का बनने की समस्या होती है, उन्हें तुलसी के पत्तों के सेवन की सलाह दी जाती है। लेकिन आवश्यकता से अधिक तुलसी के पत्ते से खून काफी तेजी से पतला होने लगता है। खासतौर से, जो लोग पहले से ही खून को पतला करने की दवाइयां ले रहे हैं, उन्हें तुलसी के सेवन से बचना चाहिए। अगर आप इसका सेवन करना भी चाहते हैं तो पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
शर्करा असंतुलन
वैसे तो मधुमेह रोगी रक्त के शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए तुलसी का सेवन करते हैं, लेकिन अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो इससे रक्त में शर्करा का स्तर असामान्य हो जाता है। कई बार तो यह इतना कम हो जाता है कि व्यक्ति को गंभीर रूप से परेशानी होती है। इसलिए मधुमेह रोगी अगर शर्करा को संतुलित करने के लिए पहले से ही दवाईयां ले रहे हैं तो तुलसी का सेवन न ही करें तो अच्छा।
दूर रहें गर्भवती
वैसे तो तुलसी में कई तरह के गुण मौजूद होते हैं, लेकिन फिर भी गर्भवती स्त्री को इसका सेवन जरा सोच−समझकर करना चाहिए। इसका सेवन न सिर्फ स्त्री बल्कि उसके गर्भस्थ शिशु को भी प्रभावित कर सकता है। दरअसल, जब आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करती हैं तो इससे यूट्रस सिकुड़ने लगता है। इससे बच्चे के जन्म के दौरान समस्या हो सकती है। बेहतर होगा कि आप तुलसी का सेवन करने से पहले एक बार किसी अच्छे डायटिशियन से सलाह अवश्य लें। वहीं तुलसी के पत्ते पुरूषों की प्रजनन क्षमता को भी विपरीत तरीके से प्रभावित करते हैं।
अगर लेते हैं दवाएं
कुछ लोग अपनी शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए दवाइयों का सेवन करते हैं लेकिन तुलसी का सेवन ड्रक इंटरेक्शन में परेशानी पैदा कर सकती है। इसलिए जो लोग किसी विशेष दवा का सेवन नियमित रूप से करते हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुरूप ही आहार का सेवन करना चाहिए।