अरुण शौरी बोले नोटबंदी 70 सालों की सबसे बड़ी भूल, आरबीआई गवर्नर कर रहे अंडर सेक्रेटरी की तरह बर्ताव
नई दिल्ली। अटल बिहारी बाजपेई की अगुवाई वाली एनडीए -1 सरकार में केंद्रीय मंत्री पद पर रह चुके अरुण शौरी ने कहा कि नोटबंदी का फैसला पिछले 70 सालों में आर्थिक नीति के लिहाज से सबसे बड़ी चूक है। यहीं नहीं अरुण शौरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर वित्त मंत्रालय के अंडर सेकेट्ररी की तरह व्यवहार कर रहे हैं। यह बात उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज में ‘पॉलिटिक्स ऑफ डेवलपमेंट’ व्याख्यान के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के फैसले को देखते हुए लगता है कि बिना किसी सलाह-मशविरा के ही नोटबंदी के फैसले को लागू कर दिया गया। अरुण ने कहा कि यह बार-बार हो रहा है। उन्होंने सीधे तौर पर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तथ्य यह है कि अगर कोई चुनाव जीतने के लिए ऐसा कर रहा है तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि वो हमारे दिमाग को बदल रहा है। जो लोग भी वोट दे रहे हैं, वो अब दूसरी बातों को ध्यान में रखकर वोट करेंगे। उन्होंने यह भी कि वो लोग नहीं जानते हैं कि अर्थव्यवस्था कैसी चलती है। अरुण ने कहा कि इतना कमजोर पीएमओ कभी नहीं देखा गया है।
आपको बताते चले कि भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नरों ने भी नोटबंदी के फैसले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं और इस दौर में आरबीआई की साख को कमजोर होने वाला बताया है। दूसरी तरफ आरबीआई की कर्मचारी यूनियन भी अपनी तकलीफों और स्वायत्त संस्थान की खराब होती साख पर वित्त मंत्रालय को पत्र लिख चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ आरबीआई की इस बात पर भी आलोचना की जा रही है कि उसने सरकार के कहने पर नोटबंदी का फैसला किया। नोटबंदी का फैसला लिए जाने के बावजूद भी आरबीाआई शुरुआती 50 दिनों तक स्थिति पर पूरी तरह से काबू नहीं पा सका। एक तरफ बैंकों के एटीएम के बारह लंबी-लंबी लाइनें लगी रही। वहीं कई प्राइवेट बैंकों के कर्मचारी भी कालेधन को सफेद करते हुए धरे गए। वहीं बैंकों के बाहर पैसे निकालने के लिए लाइनों में और बैंकों के कर्मचारियों की मौत तक हो गई।
Source: hindi.oneindia.com