अखबारों की सुर्खियां : शिक्षा-स्वास्थ्य टैक्स फ्री; बीमा, बैंकिंग और फोन बिल महंगा

नई दिल्ली: श्रीनगर में हुई जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक में लिए गए फैसलों की खबर दैनिक अखबारों के शनिवार के संस्करणों में सुर्खियां बने हैं. काउंसिल ने सेवाओं को भी वस्तुओं की तरह स्लैब में बांटकर कर निर्धारित कर दिए हैं. इन फैसलों से बीमा, बैंकिंग फोन बिल सहित अन्य वित्तीय सेवाएं कर बढ़ने के कारण महंगी हो जाएंगी. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं पूर्व की तरह कर से मुक्त रहेंगी. जीएसटी के तहत कर की नई दरें एक जुलाई से लागू होंगी.

स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा टैक्स फ्री, फोन बिल के साथ बैंकिंग महंगी
‘पत्रिका’ में समाचार है – जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक में सेवाओं को भी वस्तुओं की तरह चार टैक्स स्लैब में शामिल किया. सर्वसम्मति से स्वास्थ्य सेवाओं और  शिक्षा पर टैक्स नहीं लगेगा. वहीं फोन बिल, बैंकिंग, इंश्योरेंस व अन्य वित्तीय सेवाओं और ब्रांडेड कपड़े पर टैक्स बढ़ेगा. सोने पर जीएसटी दर तय करने का फैसला नहीं हो सका. अगली बैठक तीन जून को होगी.

 

 

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ज्यादातर सेवाएं महंगी होंगी; एसी रेल टिकट पर 5% टैक्स लगेगा, रेस्तरां में खाना 17% तक महंगा
‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा है – जीएसटी काउंसिल की बैठक के दूसरे दिन सर्विसेज पर भी नई दरें तय. नई दरें 1 जुलाई से लागू होंगी. जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को ज्यादातर सेवाओं के लिए भी टैक्स दरें तय कर दीं. वस्तुओं की तर्ज पर इन्हें भी 5 सेगमेंट 0%, 5%, 12 %, 18% और 28% में बांटा गया है. वित्त मंत्री ने इसकी घोषणा की.

 

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टेलीकॉम, बीमा व बैंकिंग सेवाएं होंगी महंगी, शिक्षा और स्वास्थ्य को राहत
‘जागरण’ में खबर है – एक जुलाई 2017 से प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद फोन पर बात करना महंगा हो जाएगा. इसके अलावा एटीएम व अन्य बैंकिंग सेवाओं का चार्ज और बीमा प्रीमियम भी बढ़ जाएगा. दरअसल जीएसटी काउंसिल ने सेवाओं के लिए जीएसटी की चार अलग-अलग दरें तय करते हुए दूरसंचार, बैंकिंग व बीमा सेवाओं पर जीएसटी की स्टैंडर्ड दर 18 प्रतिशत लागू करने का फैसला किया है.

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