सांसद डा. निशंक ने किए भगवान केदार के दर्शन, आशीर्वाद लिया
देहरादून, । केदारधाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद हो गए। इससे पहले उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व संसद में सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष एवं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया।
प्रातः आठ बजे से पूर्व डॉ. निशंक हैलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे और बाबा के दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त किया। धाम के रावल श्री ने डॉ० निशंक से पूजा अर्चना करवाई। ठीक आठ बजे भगवान की सुसज्जित डोली को पारम्परिक वाद्ययंत्रों और गढ़वाल राइफल के बैंड की मधुर धुन के साथ और पूजन अर्चन के साथ मंदिर की परिक्रमा करते हुए छह माह के लिये उखीमठ के लिए विदा किया।
भगवान की डोली को कंधा देकर डॉ० निशंक लगभग डेढ़ किमी. दूर तक चले और फिर विदायी दी। इसके पश्चात डॉ. निशंक ने वहां आये देश विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी और उन्हें पुनः अगले वर्ष आने का निमंत्रण दिया। डॉ० निशंक ने वहां पहुंची केन्द्रीय जल संसाधन मत्री सुश्री उमा भारती जी का भी स्वागत किया और उन्हें आपदा और आपदा के पश्चात की स्थितियों पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ० निशंक ने कहा कि अभी केदारनाथ धाम में बहुत काम होना शेष है। साथ ही पूरी घाटी में अब तक पुनर्वास कार्य प्राथमिकता के साथ करने की आवश्यकता है। ताकि आपदाप्रभावित गांवों एवं उनके निवासियों का जीवन सुचारू हो सके।
ज्ञात हो कि डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक पहले व्यक्ति थे जो वर्ष 2013 की आपदा के तत्काल बाद सबसे पहले वहां पहुंचे थे और उनकी के द्वारा राज्य और केन्द्र सरकार को सबसे पहले केदारनाथ में आयी इस भयंकर प्रलय की भयावहता की जानकारी सरकार को दी थी। इसके पश्चात डॉ० निशंक द्वारा केदारनाथ आपदा पर एक पुस्तक केदारनाथ आपदा पर एक पुस्तक प्रलय के बीचः केदारनाथ आपदा भी लिखी गई जिसे खूब सराहा गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती सहित अनेक जन प्रतिनिधियों एवं देश विदेश से आए सैकड़ों श्रद्धालु, रावल भमा शंकर लिंग, मुख्य पुजारी शंकर लिंग, जिलाधिकारी राघव लंगर, पुलिस अधीक्षक श्री मीणा तथा शासन प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।