भाजपा को झटका, राष्ट्रपति चुनाव में नरोत्तम मिश्रा नहीं डाल पाएंगे वोट
नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट की विशेष खंडपीठ ने चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अयोग्यता बरकरार रखी है। जिसके कारण वह सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट नहीं डाल पाएंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की अनुमित के लिए मिश्रा ने एकल पीठ से राहत न मिलने के बाद हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष गुहार लगाई थी। जिसपर रविवार को न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की विशेष खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया। अब उनकी अपील पर रेगुलर बेंच सुनवाई करेगी।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने मिश्रा को वर्ष 2008 के दौरान पेड न्यूज (पैसा देकर वोट डालना) का दोषी पाते हुए उन्हें तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद वह आगामी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने से भी वंचित हो गए थे।
इससे पहले हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सभी तथ्यों का अध्यन करने के बाद याचिका को निराधार पाया। साथ ही तीन साल तक चुनाव लड़ने के प्रतिबंध के आदेश को बरकरार रखा था। नरोत्तम मिश्रा की तरफ से कहा गया था कि चुनाव आयोग ने अपनी जांच पूरी करने में काफी देरी की है। बहुत पहले उन्हें अयोग्य घोषित करने को लेकर निर्णय ले लेना चाहिए था।
दलील दी गई कि उस समय छपी खबरें, संपादकीय व अग्रलेख उनके कहने पर नहीं छापे गए थे। वहीं, शिकायतकर्ता कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि निश्चित तौर पर इस मामले की जांच पूरी करने में चुनाव आयोग ने जरूरत से ज्यादा समय दिया, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त लोगों पर बिना कार्रवाई करे ही उन्हें छोड़ दिया जाए। चुनाव आयोग द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी ने पेड न्यूज के आरोप सही पाए हैं।