दूसरी बार नेपाल के पीएम चुने गए प्रचंड
काठमांडू, । नेपाल के सांसदों ने बुधवार को शीर्ष माओवादी नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड को दूसरी बार देश का प्रधानमंत्री चुना। गुरुवार को वे शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर बधाई दी और भारत आने का न्योता दिया।
सीपीएन-माओवादी के 61 वर्षीय अध्यक्ष प्रचंड के चुनाव से पिछले साल विनाशकारी भूकंप की विपदा झेलने वाले नेपाल में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद है। नया संविधान लागू होने के बाद राजनीतिक स्तर पर विभाजन बढऩे के कारण इसकी सख्त जरूरत महसूस की जा रही है। उनको सबसे बड़े दल नेपाली कांग्रेस और मधेशी दलों का समर्थन हासिल है। लेकिन, मधेशी दल सरकार में शामिल नहीं होंगे।गौरतलब है कि सीपीएन-माओवादी के समर्थन वापस लेने के बाद केपी शर्मा ओली को 24 जुलाई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीपीएन-माओवादी, नेपाली कांग्रेस और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेशी फ्रंट के बीच तीन सूत्री समझौते पर दस्तख्त के बाद प्रचंड ने मंगलवार को पर्चा दाखिल किया था। वे एकमात्र उम्मीदवार थे। इसके बावजूद संसद में मतदान हुआ, क्योंकि संविधान के मुताबिक प्रधानमंत्री को सदन में बहुमत साबित करना होता है। 595 सदस्यीय संसद में उनके पक्ष में 363 वोट और विरोध में 210 मत पड़े। 22 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।मतदान से पहले प्रचंड ने सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सहमति की भावना के साथ आगे बढ़ते हुए देश को आर्थिक विकास की ओर ले जाने का प्रयास करेंगे। इससे पहले वह 18 अगस्त 2008 से 25 मई 2009 तक प्रधानमंत्री रहे थे। सेना प्रमुख को बर्खास्त करने की कोशिश करने और सेना के साथ मतभेद पैदा होने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।