क्यों कहा ओबामा ने कि एक हिंदू भी बन सकता है अमेरिका का राष्ट्रपति
वाशिंगटन। अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिका को एक ऐसा देश बताया है जो योग्यताओं को पहचानकर सभी को समान अवसर देता है। ओबामा ने अपनी आखिरी मीडिया कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा गया कि आने वाले समय में हो सकता है कि एक हिंदू भी अमेरिका का राष्ट्रपति हो।
हर किसी के पास होगा अवसर
ओबामा ने यह बात उस समय कही जब उनसे पूछा गया कि देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति को उम्मीद है कि आगे भी कुछ ऐसा हो पाएगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि जब तक अमेरिका में लोगों की योग्यताओं को पहचानकर उन्हें समान अवसर दिए जाते रहेंगे, ऐसा संभव है। ओबामा ने कहा कि अमेरिका में न सिर्फ पहली महिला राष्ट्रपति होगी लेकिन हो सकता है कि लैटिन मूल का कोई व्यक्ति भी यहां का राष्ट्रपति हो, कोई ज्यूइश या फिर कोई हिंदू राष्ट्रपति यहां का शासन संभाले। ओबामा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम हर जाति और हर आस्था वाले योग्य व्यक्तियों जो इस देश के कोने में बसे हैं आगे बढ़ते हुए देखने वाले हैं, क्योंकि यही अमेरिका की ताकत है। बल्कि अगर हम मौकों को सभी के लिए खुला रखेंगे तो हमें एक महिला, एक लैटिनो, एक ज्यूइश और एक हिंदू राष्ट्रपति भी मिल सकता है।’
क्यों मिले डोनाल्ड ट्रंप को वोट
ओबामा ने हंसते हुए कहा, ‘मुझे तो शक है कि एक समय में अमेरिका में मिले-जुले राष्ट्रपतियों का एक ऐसा झुंड होगा जिसे कोई भी पहचान नहीं पाएगा।’ ओबामा ने इस दौरान इस तरफ इशारा भी किया कि कहीं न कहीं अमेरिका में अब इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि देश में बहुत असमानता है और बहुत ही विस्तृत है और यह ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी है। ओबामा ने कहा, ‘बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ इसलिए नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वोट दिया क्योंकि उन्हें लगने लगा था कि वे भुला दिए गए हैं और उन्हें वोटिंग के अधिकार से वंचित रखा गया है। उन्हें लगता है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है।’ उन्हें लगता है कि उनके बच्चों को वैसी नौकरियां या अवसर नहीं मिलेंगे जो उन्हें मिले।’ उन्होंने कहा कि आप एक ऐसा अमेरिका नहीं चाहेंगे जहां पर सिर्फ कुछ लोगों का ही एक संगठन अच्छा कर रहा हो और बाकी अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
Source: hindi.oneindia.com