कार्यक्रमों को बढ़ावा दें सभी विश्वविद्यालय
देहरादून, । उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा० कृष्ण कांत पाल ने आज इक्फाई विश्वविद्यालय, देहरादून के दीक्षान्त समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए कहा कि निजी विश्वविद्यालयों को आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को मदद, राष्ट्र निर्माण से जुडे़ कार्यकमों को बढा़वा देने एवं युवाओं को सफल उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों को कक्षा में दिए जाने वाले किताबी ज्ञान तथा श्रेणियों (ग्रेड्स) की दुनिया के दायरे से बाहर लाकर उनकी रचनात्मक सोच और कल्पना शक्ति को उद्वीप्त करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों को, छात्रों को किताबी ज्ञान और सवालों की अवधारणाओं से आगे लाकर उनको जिज्ञासु बनने के लिए प्रोत्साहित करना होगा ताकि उनकी सोच और रचनात्मकता विकसित हो सके। छात्रों को अपनी सोच/कल्पना का दायरा विशाल रखना होगा जिसे वे अनुसंधान तथा जाँच के माध्यम से वास्तविकता में परिवर्तित कर सकते हैं। उनकी सोच का रवैया वैज्ञानिक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए शिक्षण प्रणाली का परिष्कृत होना और पाठ्यक्रम को निरन्तर अद्यतन किए जाने के साथ ही मूल्यांकन प्रणाली में सुधार भी जरूरी है। शिक्षकों के अध्ययन के विषयों में ज्ञान वृद्धि के लिए मूल दक्षताओं को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर शिक्षक विकास कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की प्रगति उस देश की मानव पूँजी एवं शिक्षा पर निर्भर करती है और उस देश के विकास का आंकलन उसी से होता है। हमारेे देश का भाग्य भी मानव पूँजी एवं शिक्षा पर निर्भर करता है।