कम उम्र में धूम्रपान की आदत से बाद में हो सकता है गठिया का खतरा
बचपन में धूम्रपान करने या धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के ज्यादा संपर्क रहने वाले युवाओं को रूमेटॉइड आर्थराइटिस यानी संधिवात या गठिया का खतरा रहता है. एक शोध में यह बात सामने आई. रूमेटॉइड आर्थराइटिस सूजन संबंधी एक दीर्घकालीन विकार है, जो शरीर के जोड़ों, खासकर हाथों और पैरों मेंपाए जाने वाले जोड़ों को प्रभावित करता है.
शोध में पाया गया कि बचपन में जो लोग धूम्रपान के लती हुए या धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहे, उनमें जोखिम का अनुपात बचपन में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में 1.73 था.
फ्रांस की यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स ऑफ साउथ पेरिस में प्रोफेसर और इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका रैफैले सेरर ने कहा, “हमारा शोध किसी भी प्रकार के तंबाकू वाले वातावरण, खासकर उन परिवारों में, जिनमें रूमेटॉइड आर्थराइटिस मामले पहले से मौजूद हैं, वहां से बच्चों को दूर रखने पर जोर देता है.”
इस शोध का परिणाम यूरोपियन कांग्रेस ऑफ रूमेटॉलोजी (यूलार) 2017 की वार्षिकी में प्रकाशित किया गया है. इसके अलावा, एक अन्य विश्लेषण में धूम्रपान वाले मरीजों में रीढ़ की हड्डी के ढांचे संबंधी बीमारी अंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस होने की आशंका भी जताई गई है.
शोधकर्ताओं ने कहा, “धूम्रपान नई गैरजरूरी हड्डियों के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह बीमारी सिंडेसमोफाइटिस कहलाती है.” तुर्की की इजमिर कतीप सेलेबी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सेरवेट अकार ने कहा, “धूम्रपान न केवल बीमारियों की संवेदनशीलता के लिए, बल्कि एएस के साथ मरीजों में रोगों की तीव्रता बढ़ाने में एक बड़ा खतरा होता है.”
उन्होंने कहा, “रूमेटॉलॉजिस्टों को अपने मरीजों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि यह भविष्य में जीवन की गुणवत्ता पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है.”