एक पिता बना बेटी की आवाज
अहमदाबाद, । अहमदाबाद के एक रिक्शाचालक ने अपनी बेटी को बड़ा खिलाड़ी बनाने के लिए अनोखी मिसाल पेश की है। मणिलाल गोहिल ने अपनी इकलौती बेटी मित्तल के लिए जर्मनी निर्मित राइफल खरीदी है। मित्तल राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं। यही नहीं उन्होंने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। इस राइफल की कीमत पांच लाख रुपये है। बात यही खत्म नहीं होती, गोहिल ने ये पैसे अपनी बेटी की शादी के लिए जमा किए थे। जब बेटी के साथ गोहिल लोकल पुलिस कमिश्नर के पास लाइसेंस के लिए आवेदन करने गए तो वहां के सभी अधिकारी यह जान चैंक गए कि इतनी कीमती राइफल किसी रिक्शा चालक ने खरीदी है। पुलिस ने गोहिल के इस कदम की प्रशंसा करते हुए लाइसेंस दिलाने में पूरी मदद की। चार सालों से शूटिंग की प्रैक्टिस कर रहीं मित्तल ने बताया, मेरे पिता और परिवार ने मेरे इस महंगे शौक को पूरा करने के लिए बहुत त्याग किया है। अब इस राइफल के साथ मैं पूरी मेहनत करुंगी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व करूंगी।श् गोहिल का परिवार अहमदाबाद के गोमती पुर इलाके में एक चॉल में रहता है।
मित्तल के इस शौक की शुरुआत तब हुई थी जब अहमदाबाद में राइफल क्लब द्वारा उसे पास किया गया था। तब से ही वह राइफल को अपने हाथ में लेना चाहती थी। मणिलाल के रिक्शे की कमाई से चलने वाले घर के लिए ऐसे शौक आसान नहीं होते। लेकिन बेटी से प्यार करने वाले पिता ने मित्तल के शौक को रौंदना ठीक नहीं समझा और शुरुआत में किराये की बंदूक देकर राइफल क्लब ले गए।
2013 में मित्तल ने 57वें ऑल इंडिया नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और कांस्य पदक जीता। राष्ट्रीय स्तर पर हिस्सा लेने के बाद मित्तल का विश्वास बढ़ गया लेकिन आगे की ट्रेनिंग के लिए उसके पास अपना राइफल होना आवश्यक था। तभी उसके पिता व बड़े भाई ने 50 मीटर रेंज वाले जर्मन राइफल के लिए पैसे जमा करने शुरू कर दिए। इसके लिए मित्तल की शादी के लिए अलग रखी रकम का उपयोग किया गया। आखिरकार काफी कठिन परिश्रम के बाद पिता व भाई ने 6 माह बाद मित्तल को वह राइफल दिलायी। अब वह दिसंबर 2016 में नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकती है।