इससे तो अच्छा है मेडिकल कॉलेज की मान्यता खत्म कर दो!
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में तैनात एक फैकल्टी ने एमसीआई को ई-मेल कर कॉलेज की बदहाल स्थिति की शिकायत की है। उन्होंने कॉलेज में फैकल्टी की भारी कमी, अस्पताल में इलाज नहीं मिलने और सुविधाओं के अभाव को देखते हुए कॉलेज की स्थिति सुधारने या फिर मान्यता रोकने को कहा है।
इससे चिकित्सा शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कॉलेज को मेल की जानकारी एमसीआई से मिली है जिसके बाद प्राचार्य ने फैकल्टी को नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले की शिकायत चिकित्सा शिक्षा निदेशालय और शासन से भी की गई है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में शुरू से ही फैकल्टी एवं सुविधाओं का भारी अभाव है। इससे एमबीबीएस छात्रों के साथ ही स्थानीय लोग भी परेशान हैं। फैकल्टी की कमी का असर मरीजों के इलाज पर भी पड़ रहा और मामूली इलाज भी नहीं मिल रहा।
हालत यह है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बजाए लोग संयुक्त अस्पताल में इलाज कराना पसंद कर रहे हैं। कॉलेज में पढ़ रहे एमबीबीएस के छात्र भी कई बार कॉलेज की हालत की शिकायत एमसीआई से कर चुके हैं। इसके बाद अब कॉलेज की फैकल्टी ने भी एमसीआई को मेल कर व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं।
01 फैकल्टी ने एमसीआई को मेल से कॉलेज की बदहाल स्थिति की शिकायत की
100 सीटें हैं कॉलेज में एमबीबीएस की
-एमसीआई को भेजे मेल में कॉलेज की मान्यता खत्म करने को कहा
-चिकित्सा शिक्षा विभाग में खलबली प्राचार्य ने शासन से की शिकायत
रेडियोलॉजी विभाग में एक भी फैकल्टी नहीं
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की हालत लगातार बदहाल हो रही है। मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में एक भी फैकल्टी नहीं है। एमसीआई कई बार पांच से 10 प्रतिशत फैकल्टी की कमी पर भी विभाग बंद कर देती है। लेकिन श्रीनगर में रेडियोलॉजी विभाग में फैकल्टी के 100 प्रतिशत पद खाली हैं।
फैकल्टी की 40 फीसदी कमी
इसके अलावा मेडिसिन और सर्जरी जैसे विभाग में भी फैकल्टी की कमी 40 प्रतिशत तक है। जबकि अधिकांश विभागों में फैकल्टी की कमी 20 से 30 प्रतिशत तक है। फैकल्टी की कमी का असर सीधे तौर पर कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों और इलाज के लिए आने वाले मरीजों पर पड़ रहा है।
एमसीआई को शिकायत करने पर एक फैकल्टी को नोटिस दिया गया है। फैकल्टी का कहना है कि किसी ने उनकी मेल आईडी का दुरुपयोग किया है। हालांकि एक सप्ताह का समय देने के बाद भी फैकल्टी ने इस मामले में अभी तक पुलिस में एफआईआर नहीं कराई है। इसे देखते हुए अब शासन को अवगत कराया गया है। कॉलेज में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-प्रो. सीएमएस रावत, प्राचार्य, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज