सोहराबुद्दीन मामले में आईपीएस अधिकारी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई साक्ष्य नहीं : वकील

मुंबई: सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में एक आरोपी बनाए गए राजस्थान के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन के वकील ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि निचली अदालत ने प्रथम दृष्टया कोई साक्ष्य नहीं होने के चलते उन्हें आरोपमुक्त किया. आईपीएस अधिकारी के वकील राजा ठाकरे ने इस बात का भी जिक्र किया कि सीबीआई ने निचली अदालत के आरोपमुक्त करने के आदेश को चुनौती नहीं देने का विकल्प चुना. विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले साल दिनेश को आरोपमुक्त करते हुए उन पर मुकदमा चलाने के लिए न सिर्फ आधिकारिक मंजूरी के अभाव का हवाला दिया था, बल्कि इस बात का भी जिक्र किया था कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है.

वकील ने कहा कि इसी अदालत ने तीन जूनियर पुलिस अधिकारियों द्वारा दायर की गई अर्जियां खारिज कर दी थीं, जिनपर दिनेश के साथ मुठभेड़ स्थल पर जाने के आरोप थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सीबीआई ने दावा किया था कि वे लोग उनमें शामिल थे जिन्होंने सोहराबुद्दीन को गोली मारी.

उन्होंने कहा कि सीबीआई अदालत ने कहा था कि इस बारे में प्रथम दृष्टया कोई साक्ष्य नहीं है कि मेरे मुवक्किल साजिश का हिस्सा थे. वकील ने दावा किया कि दिनेश को आरोपमुक्त करना बरी करने जैसा है. दरअसल, अदालत सीबीआई द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसके जरिए राजस्थान पुलिस कांस्टेबल दलपत सिंह राठौड़ और गुजरात पुलिस अधिकारी एन के अमीन को आरोपमुक्त किए जाने को चुनौती दी गई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *