सरकार की खामोशी पर व्यापारियों में आक्रोश

देहरादून, । प्रेमनगर में सरकार ने नेशनल हाईवे पर अतिक्रमण का दम भरकर सैकड़ों दुकानों पर बुल्डोजर चलाकर उन्हें तोड़ दिया था, प्रशासन ने ऐलान किया था कि जितना अतिक्रमण तोड़ा गया उसके बाद जो दुकान का हिस्सा बचा है उस पर व्यापारी अपना निर्माण कर रोजगार कर सकता है, लेकिन उजडे व्यापारियों ने जैसे ही अपनी दुकानों पर निर्माण कार्य शुरू कराया तो कैंट बोर्ड ने उनके खिलाफ मुकदमें दर्ज करा दिये। उल्लेखनीय है कि प्रेमनगर हाई-वे पर अतिक्रमण को लेकर सरकार ने साठ वर्षों से अपना रोजगार चला रहे सैकडों दुकानदारों के प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया था इसके बाद से ही प्रेमनगर व्यापारियों में सरकार की कार्यशैली को लेकर बेहद नाराजगी है और वह बाजार में धरना देकर सरकार की ओर आस लगाकर बैठे हैं कि उन्हें कहीं भी बसाने का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाये जिससे वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। सरकार की खामोशी पर व्यापारियों में बेहद नाराजगी है। नेशनल हाई-वे पर अतिक्रमण को लेकर उत्तराखण्ड सरकार ने चार माह पूर्व प्रेमनगर बाजार में बुलडोजर चलाकर सैकडों दुकानों को तोड़ दिया था और भाजपा के चंद विधायकों ने सरकार से मांग की थी कि जिनके प्रतिष्ठान टूटे हैं उन्हें कई ओर बसाया जाये। प्रेमनगर में अतिक्रमण की आड में उजडे व्यापारी सरकार से आस लगाकर बैठे हैं कि वह कब उन्हें बसाने का काम करेगी। चार माह से प्रेमनगर बाजार से उजडे व्यापारी धरना दे रहे हैं और उनका दर्द है कि सरकार ने अभी तक उन्हें बसाने की दिशा में कोई पहल नहीं की है जिससे उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आकर खडा हो गया है। आज कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा व प्रेमनगर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव पुंज ने धरना देते हुए सरकार की कार्यशैली को लेकर बेहद नाराजगी दिखाई। उनका कहना था कि शहर में जहां-जहां अतिक्रमण हटाया गया वहां के दुकानदारों को सरकार ने फिर बसाया लेकिन प्रेमनगर के व्यापारियों को बसाने की दिशा में सरकार ने चार माह बाद भी कोई पहल नहीं की है।

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