अगर आप हैं रोमांच के शौकीन, तो चले आइए यहां…

नई टिहरी : सेब और सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध चंबा-मसूरी फलपट्टी अब रोमांच के शौकीनों की पंसदीदा जगह बन गई है। पहाड़ों की रानी मसूरी और धनोल्टी में पर्यटकों के बढ़ते दबाव के चलते अब पर्यटक काणाताल, जड़ीपानी, ठांगधार कद्दूखाल जैसे छोटे पर्यटक स्थलों की ओर आ रहे हैं और यहां साहसिक खेलों का आनंद भी ले रहे हैं।

चंबा-मसूरी फलपट्टी में बीते कुछ सालों में कैंप संचालन और साहसिक खेलों का प्रशिक्षण मुख्य व्यवसाय बनकर उभरा है। अब हर साल यहां देश-दुनिया के पर्यटक सैर-सपाटे के लिए पहुंच रहे हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़े टटोलें तो बीते वर्ष पर्यटन सीजन में यहां तीन लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे। इनमें डे विजिट और रात्रि विश्राम करने वाले, दोनों तरह के पर्यटक शामिल हैं। इस क्षेत्र में पर्यटकों को खास बात जो पर्यटकों का रास आ रही है, वह है यहां का मौसम और साहसिक खेलों का प्रशिक्षण।

मौजूदा वक्त में यहां पर पर्यटन विभाग से पंजीकृत दस केंद्र साहसिक खेलों की सुविधाएं पर्यटकों को मुहैया करा रहे हैं। इन केंद्रों में रॉक क्लाइंबिंग, स्काई ब्रिज, जिप लाइन, कैंप फायर, ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इनका पर्यटकों में खासा आकर्षण रहता है।

अपने गांव जड़ीपानी में साहसिक खेल केंद्र चलाने वाले सुरेश रमोला बताते हैं कि पर्यटकों में साहसिक खेलों को लेकर खासा क्रेज है, जिससे पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। अगर पर्यटन विभाग स्थानीय युवाओं को प्रोत्साहित करे तो यह चंबा-मसूरी फलपट्टी प्रदेश में साहसिक खेलों का सबसे बड़ा केंद्र बन सकती है।

टिहरी के जिला पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा बताते हैं कि चंबा-मसूरी फलपट्टी क्षेत्र की ओर पर्यटकों का रुझान बढ़ना भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। यहां पर्यटक सुविधाएं विकसित करने के लिए विभाग व्यापक स्तर पर योजना बना रहा है।

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