प्रदेश में करोड़ों रूपये की घटतौली

लखनऊ। आॅल इण्डिया फेयर प्राइस शाॅप डीलर्स फेडरेशन की दारूलसफा हाल में अशोक सिंह, महासचिव की अध्यक्षता में हुई जिसमें गिरीश तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि राशन विक्रेताओं की समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं जिस पर सरकार द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है न कहा कि प्रदेश में किसी भी मार्केटिंग गोदाम से शासनादेश के अनुसार अभी तक राशन की निकासी नहीं दिलवायी। पूरे प्रदेश के सभी गोदामों पर घटतौली चालू है। सभी तेल की टंकियों पर 10 से 15 लीटर तेल प्रति ड्रम कम दिया जा रहा है। प्रतिमाह सैकड़ों करोड़ों रूपये की घटतौली की जा रही है सरकार के कर्मचारीध्अधिकारी घटतौली कराकर माल डकार रहे हैं। सरकार सिर्फ दुकानदारों पर कार्यवाही करती है। मुख्यमंत्री को संदर्भ करते हुए कोटेदारों ने सीधे धमकी दी है कि अगर पुर्नविचार नही करते तो 21 से प्रदेश भर के कोटेदार राशन नही उठाऐगें।
कोटेदारों का शोषण बंद किया जाए लेकिन अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है पूरे प्रदेश के राशन विक्रेताओं का विभाग पर करोड़ों रूपया बकाया है। पूरे प्रदेश में भुगतान के लिए खाद्य रसद राज्य मंत्री अतुल गर्ग के आदेश के बावजूद अभी भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। उचित दर विक्रेताओं की अवैध वसूली बन्द की जाए। राजेश तिवारी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अभी हाल में मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा मीडिया पर कहा गया कि कोटेदार अपना दूसरा व्यवसाय खोज ले। प्रदेश के 80 हजार राशन विक्रेताओं को बेरोजगार करने की बात कह रही है। जब कि सरकार का नारा है कि सबका साथ सबका विकास। अगर राशन विक्रेताओं की मांगों पर कार्यवाही नहीं की गयी तो प्रदेश के सभी राशन विक्रेता आन्दोलन करेंगे।
क्योंकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक बिल सन् 2013 केन्द्र सरकार की योजना का एक्ट है, जो पूरे देश में लागू है। राशन वितरण से विक्रेता को वंचित नहीं किया जा सकता। ऐसा एक्ट में प्राविधान है। प्रदेश में जो घोटाला हुआ, वह राशन विक्रेताओ द्वारा नहीं किया गया, वह एनआईसी के कर्मचारी व आपरेटर की मिली-भगत से यह घोटाला हुआ है। इस घोटाले में जो भी कर्मचारी अपनी पासवर्ड से प्राइवेट आपरेटर से कराये है, सरकार के कर्मचारी आज घोटाला करके अरबपति हो रहे हैं। सरकार कोटेदारों का आय-व्यय मांग रही है जब कि कर्मचारियों का आय-व्यय मांगना चाहिए। हमारी मांगों को जो माना गया था जल्द से जल्द कार्यवाही की जाए और जो कर्मचारी गलत कर रहे हैं, उन पर कार्यवाही करंे, निर्दोष के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही न की जाए। उत्तर प्रदेश में कोटेदारी व्यवस्था समाप्त किये जाने की घोषणा की गयी है, उसे हम सभी व्यथित हैं। मुख्यमंत्री जी को पुनः विचार करना चाहिए अन्यथा कि स्थिति में संगठन 21 सितम्बर,2018 से माह अक्टूबर,2018 का माह का उठान बन्द करेंगे व न्यायालय जाने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासनध्प्रशासन की होगी।

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