राष्ट्रपति की उपस्थिति में हरिद्वार के पुरोहित शुरू कराएंगे ब्रह्मपुत्र नदी की आरती
असम सरकार के निमंत्रण पर गंगा सभा के 13 पुरोहितों का एक दल बुधवार को असम के गुवाहाटी के लिए रवाना हुआ। 31 मार्च को यह दल ब्रह्मपुत्र पर आरती की शुरूआत कराएगा। इस आयोजन में देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी उपस्थित रहेंगे। हरिद्वार के पुरोहित 1100 पंडितों का नेतृत्व करेंगे। गौरतलब है कि हरिद्वार की गंगा आरती की तर्ज पर असम सरकार ने भी ब्रह्मपुत्र के तट पर प्रतिदिन आरती कराने का निर्णय लिया है। इस आयोजन की शुरूआत पांच दिन चलने वाले ब्रह्मपुत्र महोत्सव के पहले दिन की जाएगी।
महोत्सव और आरती का शुभारंभ कराने के लिए देश के राष्ट्रपति स्वयं गुवाहाटी पहुंच रहे हैं। विगत दिनों असम सरकार के प्रतिनिधियों ने हरिद्वार आकर गंगा सभा के पुरोहितों को विधिवत निमंत्रण दिया था। सभा के पदाधिकारी भी 28 मार्च को गुवाहाटी जाएंगे। इन सभी पंडितों को असम सरकार राज्य अतिथि का दर्जा दे रही है।
बुधवार को आचार्य निखिल शुक्ला के नेतृत्व में बृजेश वशिष्ठ, पंडित अवधेश, श्रेयांश अधिकारी, सर्वेश खेरवाल, सचिन शर्मा, कन्हैया सिखौला, सूरज वशिष्ठ, गौरव दीनानाथ, दीपक झा, सचिन दलाल, अंकित शर्मा और अभिषेक शर्मा असम रवाना हुए। ये पुरोहित अगले कुछ दिनों तक असम के 100 आचार्यों एवं 1000 संस्कृत विद्यार्थियों के साथ आरती की रिहर्सल करेंगे। आरती का नेतृत्व हरिद्वार के पुरोहित कर रहे हैं।
गौरतलब है कि हरकी पैड़ी पर पुरोहितों द्वारा अनादि काल से गंगा आरती की जा रही है। गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, अध्यक्ष गांधीवादी पुरुषोत्तम शर्मा, महामंत्री रामकुमार मिश्रा, स्वागत मंत्री श्रीकांत वशिष्ठ, समाज कल्याण मंत्री आशुतोष शर्मा, प्रचार मंत्री अनुराग झा, सचिव प्रदीप कुमार एवं दुष्यंत झा ने गंगा पूजन के बाद विद्वानों के दल को तिलक कर विदाई दी।