महाशिवरात्रि पर्व पर होगी केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित
देहरादून, । द्वादश ज्योतिर्लिंगों मे अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम रवाना होने की तिथि आगामी 26 फरवरी को महाशिव रात्रि पर्व पर पंचाग गणना के अनुसार शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर में घोषित की जायेगी। मन्दिर समिति द्वारा तिथि घोषित होने की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। वहीं भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर सहित केदारघाटी के सभी तीर्थ स्थलों में शीतकालीन यात्रा धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। जानकारी देते हुए केदारनाथ मन्दिर प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर से धाम रवाना होने की तिथि आगामी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर मंे रावल भीमाशंकर लिंग, मन्दिर समिति के उच्चाधिकारियांे, विद्वान आचार्यांे व हक-हकूकधारियांे की मौजदूगी में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी। उन्होंने बताया कि मन्दिर समिति के उच्चाधिकारियांे के निर्देश पर तिथि घोषित करने की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। महाशिव रात्रि पर्व पर विगत वर्षाे की भांति इस वर्ष भी देश के विभिन्न राज्यांे के श्रद्धालुओं द्वारा भण्डारे का आयोजन किया जायेगा तथा महाशिवरात्रि पर्व पर ही केदारनाथ धाम, विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी, द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम व ओंकारेश्वर मन्दिर में आगामी यात्रा काल के 6 माह पूजा के लिये प्रधान पुजारियांे की तैनाती की जायेगी। आंेकारेश्वर मन्दिर प्रभारी रमेश नेगी ने बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर, सिद्धपीठ कालीमठ, विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी, शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण तथा तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में धीरे-धीरे शीतकालीन यात्रा परवान चढ़ने लगी है। बताया कि शीतकालीन यात्रा के परवान चढ़ने से मन्दिर समिति की आय में वृद्धि होने के साथ स्थानीय तीर्थाटन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिल रहा है। मन्दिर समिति वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर मे प्रति दिन सैकड़ांे तीर्थ यात्री पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं तथा महाशिवरात्रि की तिथि निकट आते ही श्रद्धालुओं की आवाजाही मे वृद्धि होने लगी है।