पाक के साथ 56 साल पुराना समझौता खत्म कर सकता है देश
नई दिल्ली।विदेश मंत्रालय के प्रवक्त विकास स्वरूप ने गुरुवार को यहां नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए एक सवाल पर कहा कि पाकिस्तान के साथ 56 साल पुराने सिंधु जल समझौते को लेकर कुछ मतभेद हैं। उन्होंने कहा, ‘इस तरह के समझौते को बनाए रखने के लिए आपसी भरोसा एवं सहयोग महत्वपूर्ण होता है। यह एकतरफा मामला नहीं हो सकता।’ उनसे पूछा गया था कि हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर क्या भारत पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल समझौते से हट सकता है? स्वरूप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पिछले कुछ समय से पाकिस्तान, भारत में आतंकवादी गतिविधियों को खुलेआम बढ़ावा देने में लगा हुआ है। हाल ही में जम्मू कश्मीर के उड़ी में सैन्य ठिकाने पर आतंकवादी हमले में 18 जवान मारे गए हैं और पाकिस्तानी नेतृत्व कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ में मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल आतंकवादी बुरहान वानी को महिमा मंडित करने में लगा हुआ है। यह समझौता दोनों देशों के बीच 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था। समझौते के तहत पंजाब से बहने वाली तीन नदियों ब्यास, रावी एवं सतलज पर भारत और जम्मू कश्मीर से बहने वाली सिंधु, चेनाब और झेलम पर पाकिस्तान का नियंत्रण है। जम्मू कश्मीर इस समझौते की समीक्षा करने की मांग कर रहा है, क्योंकि इसकी वजह से यह राज्य सिंधु, चेनाब और झेलम के पानी के इस्तेमाल के अधिकार से वंचित हो रहा है।
अमेरिकी कांग्रेस में पाकिस्तान को ‘आतंकवाद’ का समर्थन करने वाला राष्ट्र घोषित करने वाले विधेयक के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता का कहना था कि इस तरह के कदम दिखाते हैं कि अमेरिका को भी अब समझ में आ रहा है कि पाकिस्तान क्या कर रहा है.? उन्होंने कहा, ‘यह विधेयक कांग्रेस के अत्यंत वरिष्ठ सांसदों ने पेश किए हैं और हम उम्मीद करते हैं कि इन्हें गंभीरता से लिया जाएगा।’