(जेआइसीए) का भारत सरकार सें करार
देहरादून, इ.वा. संवाददाता। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआइसीए) ने ऑफिशियल डेवलपमेन्ट असिस्टेन्स (ओडीए) लोन प्रदान करने के लिये भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते के तहत बेंगलुरू जल आपूर्ति एवं सीवरेज परियोजना (चरण 3) के लिये 45000 मिलियन जापानी येन (लगभग 2500 करोड़ रू.) का लोन दिया जाएगा। ओडीए लोन की शर्तें बहुत सरल हैं, यानी कि सीवरेज हिस्से के लिये 1.3 प्रतिशत की ब्याज दर, सुरक्षित जल हिस्से के लिये 1.5 प्रतिशत और परामर्श सेवा के लिये 0.01 प्रतिशत की ब्याज दर और प्रत्येक हिस्से के लिये 30 वर्ष की पुनर्भुगतान अवधि (जिसमें 10 वर्ष की रियायत अवधि शामिल है)।इस परियोजना का उद्देश्य वृहदृ बेंगलुरू महानगरपालिका (बीबीएमपी)’ के अंतर्गत आने वाले 110 गांवों के निवासियों को सुरक्षित और स्थायी जल आपूर्ति और जल निकासी सेवा प्रदान करना है। इसके लिये वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) और सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट्स (एसटीपी) का निर्माण किया जाएगा। बीबीएमपी की जनसंख्या वर्ष 2011 में लगभग 8.5 मिलियन थी, जो कि वर्ष 2024 तक 11 मिलियन होने की अपेक्षा है। बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकता के अनुसार जेआइसीए द्वारा सहयोग प्राप्त यह परियोजना भारत के उच्च तकनीक उद्योग के केन्द्र में स्वच्छ वातावरण में योगदान देगी। सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट्स से पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और सुरक्षा बढ़ेगी। वर्तमान जल आपूर्ति के अलावा यह परियोजना 775 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) की क्षमता से अतिरिक्त जल आपूर्ति करेगी। यह बीबीएमपी क्षेत्र में वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट और ट्रांसमिशन मेन्स के निर्माण से संभव होगा। ओडीए लोन के समझौते पर जेआइसीए के भारत कार्यालय के मुख्य प्रतिनिधि श्री ताकेमा साकामोटो और भारत सरकार, नई दिल्ली के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के संयुक्त सचिव श्री एस. सेल्वाकुमार ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर जेआइसीए भारत कार्यालय के मुख्य प्रतिनिधि श्री ताकेमा साकामोटो ने कहा, ‘‘बेहतर जल आपूर्ति और जलनिकासी (सीवरेज) के लिये जेआईसीए विगत दो दशकों से बेंगलुरू जल आपूर्ति एवं जलनिकासी बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) को सहयोग प्रदान कर रहा है। ताकि बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। यह परियोजना बीबीएमपी के क्षेत्रों को सुरक्षित और विश्वसनीय जल आपूर्ति करेगी, विशेषकर नये विकसित 110 गांवों के क्षेत्र में। इसके लिये 1 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, 5 क्षेत्रों में 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और संबद्ध सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना बेंगलुरू में जल एवं स्वच्छता सुविधाओं में बड़ा सुधार करेगी और जेआइसीए के सहयोग से राजधानी की आधे से अधिक जनसंख्या को लाभ होगा। जेआइसीए द्वारा सहयोग प्राप्त परियोजनाएं सुरक्षित, समय पर और स्वच्छ जल तथा स्वच्छता कार्य सुनिश्चित करेंगी। इससे न केवल बेंगलुरू, बल्कि समूचे देश में पर्यावरण की स्थिति में सुधार होगा।’’बीडब्ल्यूएसएसबी परियोजना लागूकरण अभिकरण है, जो कि जल आपूर्ति और जल निकासी सुविधाओं तथा परामर्श सेवाओं के लिये उत्तरदायी है। जेआइसीए अपनी विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से बेंगलुरू के समावेशी विकास में योगदान देकर खुद को सम्मानित महसूस करता है। कर्नाटक के सर्वांगीण विकास के लिये जेआइसीए ने वर्ष 1988 से ओडीए लोन के माध्यम से कुल 291,736 मिलियन जापानी येन (लगभग 16,000 करोड़ रू.) दिये हैं। इन विकास कार्यों में बैंगलोर मेट्रो, बिजली वितरण परियोजनाएं, वन्य परियोजनाएं, कृषि परियोजनाएं और वर्तमान जल एवं स्वच्छता परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त जेआइसीए जापान की निजी कंपनियों को बेंगलुरू आने के लिये सहयोग दे रहा है, ताकि विकास की चुनौतियाँ दूर की जा सकें। इन चुनौतियों में एनआरडब्ल्यू का घटना और जापान की तकनीकी जानकारी और विशेषज्ञता की पेशकश करना व उसे साझा करना शामिल है। जेआइसीए अपने स्वयंसेवियों के रूप में जापान के युवाओं को नियुक्त कर रहा है, ताकि भारत और जापान के मध्य जमीनी स्तर पर लोगों के संबंध मजबूत हो सकें।