जानें, किसने खत्म कराया लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार का झगड़ा!
नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से बिहार में सत्ताधारी जदयू और आरजेडी नेताओं के बीच हो रही बयानवाजी थोड़ी थमती हुई दिख रही है. राष्ट्रपति पद के चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले के बाद बिहार के महागठबंधन के दलों के बीच शुरू हुआ विवाद वाम दलों की मध्यस्थता से शांत हो गया. सूत्रों ने कहा कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने अपने दल के नेताओं को एक दूसरे पर टिप्पणी ना करने को कहा है. कांग्रेस ने भी नीतीश को संदेश भेजा कि उसके नेता गुलाम नबी आजाद को उनपर निशाना साधने से बचना चाहिए था. जदयू प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा, ‘वाम नेतृत्व ने स्थिति को शांति करने के लिए काम किया क्योंकि यह लड़ाई विपक्ष की एकता के लिए अच्छी नहीं है. हमारी पार्टी विपक्षी दलों के साथ मिलकर मानसून सत्र में कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगी. ‘ त्यागी बाद में पीट पीटकर के मारे जाने की घटनाओं के खिलाफ सिविल सोसाइटी समूहों द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
त्यागी से जब पूछा गया कि अगर दूसरे विपक्षी दल संसद में जीएसटी की शुरुआत के लिए मध्यरात्रि को किए जाने वाले कार्यक्रम का बहिष्कार करते हैं तो क्या उनकी पार्टी भी ऐसा करेगी, उन्होंने कहा कि पार्टी इसपर बाद में फैसला करेगी.
जदयू अब तक कहता आया है कि वह कार्यक्रम में शामिल होगा क्योंकि जीएसटी विधेयक का करीब करीब पूरा विपक्ष समर्थन कर रहा है और उपभोक्ता राज्य होने के कारण बिहार को इससे फायदा होगा.
उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन और पीट पीटकर की जा रही हत्या की घटनाओं के मुद्दों को सरकार के खिलाफ उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दे बताया.